बाबासाहेब के मूल्यों-आदर्शों को आत्मसात करने वाला एकमात्र दल भाजपा है : योगी आदित्यनाथ

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गोरखपुर (उप्र) 19 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के नाम पर लोकलुभावन नारे-भाषण देने वाले अनेक आएंगे, लेकिन उनके मूल्यों-आदर्शों को आत्मसात करने वाला एकमात्र दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) है।

मुख्यमंत्री योगी शनिवार को यहां गोरखपुर क्लब में आंबेडकर सम्मान अभियान के तहत आयोजित एक विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने विपक्षी दलों कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सपा और कांग्रेस जातीय संघर्ष कराना चाहती हैं। योगी ने अपील करते हुए कहा कि समाज को जातीय आधार पर बटने नहीं देना है, बल्कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत के अभियान के साथ जोड़ना है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बाबासाहेब ने सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए पूरे देश को सम्मान दिलाया और बाबासाहेब के कारण ही बिना भेदभाव हर व्यक्ति को समान मताधिकार के उपयोग की स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

उन्होंने कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधने का श्रेय बाबासाहेब को ही जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबासाहेब ने मेहनत के साथ संविधान तैयार कराया, लेकिन जब कांग्रेस ने संशोधन पर संशोधन प्रारंभ किए तो वे उद्वेलित हुए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस बाबासाहेब को संविधान सभा में जाने नहीं देना चाहती थी, लेकिन लोकप्रियता व भारत मां की प्रतिबद्धता के कारण वह संविधान सभा के सदस्य बने, फिर उन्हें ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया और पंडित नेहरू नहीं चाहते थे कि उन्हें यह पद मिले, इसके लिए काफी षडयंत्र भी किया।

योगी ने कहा कि कांग्रेस व सपा लगातार प्रयास करती रही, जिसके कारण समाज में विद्वेष,अराजकता पैदा होता रहे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 1952 में बाबासाहेब को चुनाव नहीं जीतने दिया और उन्हें हराने वाले को पद्म पुरस्कार दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1954 उपचुनाव में कांग्रेस ने उनके निजी सहायक को ही उनके खिलाफ चुनाव लड़ाया, बाबासाहेब फिर हार गए।

योगी ने कहा कि जब हिंदू महासभा के एक सदस्य ने पुणे की सीट छोड़ी, तब बाबासाहेब संसद में जा पाए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस उनकी कर्मठता, विद्वता, एससी-एसटी व देश के प्रति प्रतिबद्धता से घबराई थी, इसलिए कदम-कदम पर उनके मार्ग में बाधा खड़ा करती थी।

मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं तो आश्चर्य होता है कि ये वही लोग हैं, जिन्होंने डॉ. आंबेडकर का अपमान किया था।

उन्होंने कहा कि जब मैं सांसद था तो कुशीनगर में मुसहर समाज की लोगों की भूख से मौत की जानकारी लेने गया था और उस समय प्रदेश में सपा सरकार थी।

उन्होंने कहा कि मुझे पता चला कि मुसहर समाज के लोगों के राशन कार्ड सपा पदाधिकारियों के पास थे, गरीब भूख से मरता था और सपा के लोग उनके नाम पर राशन लेते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, “सपा, कांग्रेस कभी जनता के सुख-दुख में सहभागी नहीं बने। 2012 में सत्ता में आते ही सपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कहा था कि सामाजिक न्याय के पुरोधा भीमराव आंबेडकर, ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले, छत्रपति साहू जी महाराज के नाम पर लखनऊ में बने स्मारक तोड़ेंगे, तब भाजपा ने विरोध करते हुए कहा था कि अगर तोड़ोगो को दो-दो हाथ करेंगे, क्योंकि इन महापुरुषों ने सामाजिक न्याय का नेतृत्व करते हुए समाज को नयी दिशा दी और दबे-कुचले के आवाज बने।”

योगी ने कहा कि सपा जब सरकार में आई तो लखनऊ में कांशीराम के नाम पर विश्वविद्यालय का नाम ऊर्दू-फारसी, अरबी विश्वविद्यालय कर दिया और कन्नौज मेडिकल कॉलेज से बाबासाहेब का नाम हटा दिया गया, लेकिन हमारी सरकार ने फिर से इसे बाबासाहेब के नाम पर किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा व कांग्रेस देश-प्रदेश में जातीय संघर्ष कराना चाहती हैं।

उन्होंने कहा, “सपा का एक विधायक महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी का अपमान व औरंगजेब का महिमामंडन करता है। इनका सांसद राणा सांगा का अपमान और राम जन्मभूमि को तहस-नहस करने वाले विदेशी आक्रांता बाबर का महिमामंडन करता है। सपा के मुखिया लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का अपमान करते हैं। ”

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