मंत्री सदन में जो भी आश्वासन देते हैं, उन्हें सरकार गंभीरता से लेती है : रीजीजू

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नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को राज्यसभा को आश्वस्त किया कि सरकार संसद के दोनों सदनों में मंत्रियों द्वारा दिए गए सभी आश्वासनों को गंभीरता से लेती है क्योंकि यह लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रश्नकाल के दौरान उच्च सदन में पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम संसदीय लोकतंत्र के महत्व को समझते हैं। अगर संसद सदस्य सवाल पूछते हैं और सरकार जवाब देती है, तो यह सबसे महत्वपूर्ण है कि आश्वासन पूरा किया जाए। इन आश्वासनों को तीन माह में पूरा करना होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे (आश्वासन) पूरे नहीं होते हैं, तो यह संसदीय लोकतंत्र पर एक धब्बा होगा।’’

रीजीजू ने कहा कि संसद का नियम है कि सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों को तीन महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए और विस्तार के लिए भी प्रक्रियाएं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम संसद में सरकार द्वारा दिए गए सभी आश्वासनों को गंभीरता से लेते हैं। संसद के पटल पर दिए गए आश्वासनों को पूरा करने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है।’’

रीजीजू ने कहा कि उन्होंने हाल ही में सरकार के सभी मंत्रियों को पत्र लिखकर आश्वासनों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने को कहा है। उन्होंने कहा कि सांसदों द्वारा लिखे गए पत्रों का जवाब भी एक महीने के भीतर दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन आश्वासन निगरानी प्रणाली (ओएएमएस) ने आश्वासनों को पूरा करने में मदद की है।

संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री एल मुरुगन ने सदन को बताया कि 99 प्रतिशत आश्वासनों को लागू किया जा चुका है।

मुरुगन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर नौ अक्टूबर 2018 को ऑनलाइन आश्वसन निगरानी प्रणाली (ओएएमएस) शुरू की गई। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली निगरानी करती है कि कितने आश्वासन दिए गए और कितनों को पूरा किया गया।

मुरुगन ने कहा कि यह प्रणाली प्रमुख विशेषताओं और तंत्रों को एकीकृत करके जवाबदेही, पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाती है।

उन्होंने कहा कि ओएएमएस एक एकल डिजिटल संग्रह प्रदान करता है, जहां सभी आश्वासनों को रिकॉर्ड किया जाता है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होती है और आश्वासनों को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्धताओं का ट्रैक खोने का जोखिम समाप्त होता है।

उन्होंने कहा कि यह प्रणाली सभी हितधारकों को लंबित आश्वासनों पर कार्रवाई करने के लिए समय पर अलर्ट भेजती है, जिससे समयसीमा का पालन होता है।

मुरुगन ने कहा कि मंत्रालय और विभाग प्रगति की अद्यतन जानकारी को सीधे सिस्टम में लॉग कर सकते हैं, जिससे हितधारकों के लिए सटीक और अद्यतित जानकारी सुनिश्चित होती है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य को केवल एक पूरक प्रश्न पूछना चाहिए। इस पर, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस पहलू पर गौर करेंगे।

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