महाकुंभ पर प्रधानमंत्री के वक्तव्य के बाद लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

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नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महाकुंभ पर वक्तव्य दिए जाने के बाद विपक्षी सदस्यों ने उनके भाषण में प्रयागराज भगदड़ में मारे गए लोगों का उल्लेख नहीं होने तथा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बोलने का अवसर देने की मांग करते हुए सदन में हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन में प्रश्नकाल पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को लेकर एक वक्तव्य दिया जिसमें इस आयोजन को भारत के इतिहास में अहम मोड़ करार देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया ने देश के विराट स्वरूप को देखा और यह ‘सबका प्रयास’ का साक्षात स्वरूप भी था, जिसमें ‘एकता का अमृत’ समेत कई अमृत निकले।

प्रधानमंत्री का वक्तव्य पूरा होते ही विपक्षी सदस्यों ने सवाल-जवाब की मांग करते हुए और प्रयागराज में भगदड़ में मारे गए लोगों का उल्लेख नहीं किए जाने का हवाला देते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य चाहते थे कि राहुल गांधी को सदन में बोलने का मौका दिया जाए।

इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नियम 372 के तहत प्रधानमंत्री और मंत्री स्वेच्छा से सदन में वक्तव्य दे सकते हैं और उस पर कोई सवाल-जवाब नहीं होता है।

इस पर असंतोष जताते हुए विपक्षी सदस्य आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।

हंगामे के कारण बिरला ने दोपहर करीब 12.30 बजे सदन की कार्यवाही एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्ष का हंगामा जारी रहा। नारेबाजी के बीच ही, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब दिया। उनके जवाब के बाद सदन ने इन्हें ध्वनिमत से मंजूरी दी।

इसके बाद, पीठासीन सभापति संध्या राय ने जलशक्ति मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांग पर चर्चा शुरू करवाई और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल बोलने के लिए खड़े हुए, लेकिन विपक्ष के सांसदों की जोरदार नारेबाजी जारी रही।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि विपक्ष के लोग सदन से बाहर कहते हैं कि उन्हें बोलने का मौका मिलना चाहिए, जबकि सदन के अंदर आकर वे हंगामा करते हैं।

उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद जब मंत्री जवाब देते हैं तो विपक्ष के लोग उन्हें सुनना नहीं चाहते।

हंगामा नहीं थमने पर संध्या राय ने लगभग दो बजे सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।