इस प्रकार होती है भीड़ में भीड़ की गिनती

0
Pilgrimage-Crowd
  कुंभ के आयोजन में करोड़ों लोग पहुंचे । उनकी संख्या को लेकर बहस हो रही है। जन सामान्य जानना चाहते हैं कि आखिर यह आंकड़ा निकाला  कैसे जाता है। 
वैज्ञानिक उपकरणों, संसाधनों , आर एफ तकनीक,  लेजर आदि से वहां पर वास्तविक गणना सरल होती है जहां सीमित बंद क्षेत्र या सभागार में टिकिट या प्रवेश द्वार से प्रवेश दिया जाता है। किन्तु खुले क्षेत्र में हर तरफ से आते जाते लोगों को गिनना एक कठिन काम है, वहां वैज्ञानिक तरीके से अनुमान लगाया जाता है ।
   एक निश्चित क्षेत्र में मौजूद कुल लोगों  को भीड़ कहा जाता है । सबसे सीधा तरीका वास्तव में भीड़ में प्रत्येक व्यक्ति की गिनती करना है। किन्तु यह संभव नहीं। अतः लोगों की गिनती के कई वैज्ञानिक तरीके विकसित किए गए हैं।
 *घनत्व-आधारित गणना* 
घनत्व मानचित्र किसी विशेष क्षेत्र में स्थित लोगों की कुल संख्या का पता लगाने हेतु सर्वाधिक प्रयुक्त किया जाता है। इकाई  क्षेत्र में लोगों की संख्या की गणना के मानक निर्धारित कर , कुल क्षेत्रफल के गुणक द्वारा उपस्थित लोगों की अनुमानित संख्या निकाली जाती है। यदि पूरे क्षेत्र में घनत्व समान होता है तो यह विधि लगभग सही आकलन करने में सक्षम है।
 *जैकब्स विधि* 
बड़े आयोजनों , विरोध प्रदर्शनों और रैलियों में भीड़ की गिनती करने की सबसे आम तकनीक जैकब्स विधि है। जिसका नाम इसके आविष्कारक हर्बर्ट जैकब्स के नाम पर रखा गया है। जैकब्स की विधि में भीड़ द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र को खंडों में विभाजित किया जाता है । प्रत्येक खंड में लोगों की औसत संख्या निर्धारित करना और कब्जे वाले खंडों की संख्या से गुणा कर अनुमान लगाया जाता है। 
 इस तरह के अनुमानों में सहायता करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों में लेज़र, उपग्रह, हवाई फोटोग्राफी, 3-डी ग्रिड सिस्टम, रिकॉर्ड किए गए वीडियो फुटेज और आसमान से निगरानी करने वाले गुब्बारे शामिल हैं । भीड़ के चित्रों में यदि प्रति पिक्सेल घनत्व बहुत अधिक है तो पैटर्न बेस्ड गणना मॉडल सबसे उपयुक्त होता है। कुम्भ मेले में लोगों की संख्या का अनुमान इसी तरह लगाया गया है। यद्यपि इस आकलन में जो अन्य सहायक अवयव हैं वे कुछ इस तरह हैं- 
   आने वाले लोगों की गिनती के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। इनमें सड़क, रेल, बस, नाव, और साधु-संतों के शिविरों की गिनती शामिल है।
   सीसीटीवी कैमरे और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से भी गिनती की जाती है। 
    मेले की तरफ़ आने वाली सड़कों पर हर मीटर की दूरी पर निशान लगाकर हर मिनट में गुज़रने वाले लोगों को गिना जाता है । ड्रोन की मदद से भीड़ के घनत्व को मापा जाता है। ऐप की मदद से मेले में मौजूद लोगों के हाथों में मोबाइल की औसत संख्या तक ट्रैक किया जाता है।
      कुंभ में लोगों की गिनती के लिए सांख्यिकीय विधि का भी इस्तेमाल किया जाता है। इस विधि के मुताबिक, एक व्यक्ति को स्नान करने के लिए करीब 0.25 मीटर की जगह चाहिए और उसे नहाने में करीब 15 मिनट का समय लगेगा। इन विभिन्न प्रकार की गणना का औसत लगाकर भी सांख्यिकी विशेषज्ञ अनुमान घोषित करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *