मुंबई, 28 मार्च (भाषा) बैंक ग्राहकों को एटीएम से नि:शुल्क निकासी की मासिक सीमा खत्म होने के बाद पैसे निकालने पर एक मई से प्रति लेन-देन 23 रुपये देने होंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को बैंकों को एटीएम से पैसा निकालने पर वसूले जाने वाले शुल्क को दो रुपये बढ़ाकर 23 रुपये प्रति लेनदेन करने की मंजूरी दे दी। यह शुल्क माह में नि:शुल्क निकासी की सीमा समाप्त होने के बाद एटीएम से पैसा निकालने पर लगेगा।
ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से हर महीने पांच निःशुल्क लेनदेन (वित्तीय एवं गैर-वित्तीय लेनदेन सहित) के लिए पात्र हैं।
ग्राहक अन्य बैंकों के एटीएम से भी सीमित संख्या में मुफ्त लेनदेन के लिए पात्र हैं। महानगरों में वे तीन निःशुल्क लेनदेन और अन्य स्थानों पर पांच निःशुल्क लेनदेन कर सकते हैं। इससे अधिक लेनदेन करने पर बैंक शुल्क वसूलते हैं।
आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘मुफ्त लेनदेन के अलावा ग्राहक से प्रति लेनदेन अधिकतम 23 रुपये का शुल्क लिया जा सकता है। यह एक मई 2025 से प्रभावी होगा।’’
वर्तमान में, बैंकों को ग्राहक द्वारा मुफ्त लेनदेन सीमा समाप्त होने के बाद प्रति लेनदेन 21 रुपये का शुल्क लेने की अनुमति है।
आरबीआई ने कहा कि ये निर्देश, यथावश्यक परिवर्तनों के साथ ‘कैश रिसाइक्लर मशीन’ (नकद जमा लेनदेन के अलावा) पर किए गए लेनदेन पर भी लागू होंगे।
आरबीआई ने एटीएम लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क संरचना पर भी निर्देश जारी किए हैं। परिपत्र में कहा गया है कि एटीएम इंटरचेंज शुल्क को एटीएम नेटवर्क तय करेगा।
सभी केंद्रों में वित्तीय लेनदेन के लिए वर्तमान इंटरचेंज शुल्क प्रति लेनदेन 17 रुपये और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए छह रुपये है।
आरबीआई का परिपत्र सभी वाणिज्यिक बैंकों पर लागू होता है, जिसमें आरआरबी, सहकारी बैंक, अधिकृत एटीएम नेटवर्क ऑपरेटर, कार्ड भुगतान नेटवर्क ऑपरेटर और एटीएम परिचालक शामिल हैं।