उप्र सरकार ने 2017 से राजस्व संबंधी 33 लाख लंबित मामलों का समाधान किया है : आदित्यनाथ

0
2712_1740664024089_1740664034381

बहराइच(उप्र), 20 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2017 से उनकी सरकार ने राज्य में राजस्व संबंधी 33 लाख लंबित मामलों का समाधान किया है, जिससे हजारों नागरिकों को राहत मिली है।

मिहीपुरवा (मोतीपुर) में नये तहसील भवन के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने भूमि संबंधी मामलों में न्याय और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक कुशल प्रशासनिक प्रणाली के महत्व पर जोर दिया।

आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले, उत्तर प्रदेश में भूमि के दाखिल खारिज, सीमांकन और उपयोग अधिकार के मामलों सहित 33 लाख से अधिक अनसुलझे राजस्व विवाद थे।

उन्होंने कहा, “इस तरह के लंबित मामलों के कारण अक्सर विवाद, हिंसा और भूमि हड़पने की घटनाएं होती थीं, जिससे आम लोगों का जीवन दूभर हो जाता था।”

उन्होंने कहा, “पूर्ववर्ती सरकारों ने भ्रष्टाचार और बेईमानी को पनपने दिया, जिससे गरीबों को न्याय की उम्मीद नहीं रही। हालांकि, हमने उप जिलाधिकारी से लेकर तहसीलदारों और राजस्व अधिकारियों तक, सभी प्रशासनिक स्तर पर मामलों को हल करने के लिए सख्त समयसीमा तय की, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित हुई।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि भू-मफिया रोधी कार्य बल के माध्यम से भू-माफियाओं पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के परिणामस्वरूप, 64,000 एकड़ अवैध रूप से कब्ज़ा की गई भूमि वापस मिल गई है।

उन्होंने यह भी बताया कि बेहतर कानून व्यवस्था के साथ, उत्तर प्रदेश निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन गया है।

आदित्यनाथ ने कहा, “अब, ग्रामीण दूर के कार्यालयों में जाए बिना आय और निवास प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल जमीनी स्तर पर समय पर सेवाएं सुनिश्चित करेगी।”

उन्होंने भूमि सीमांकन में हेराफेरी को खत्म करने के लिए भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण की भी घोषणा की।

उन्होंने कहा, “अब भूमि माप डिजिटल तरीके से किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। धोखाधड़ी के कारण किसी भी गरीब व्यक्ति को अपनी एक इंच भी जमीन नहीं गंवानी पड़ेगी।”

कार्यक्रम के दौरान, आदित्यनाथ ने तहसील अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवास का भी उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा, “सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिकारी हर समय लोगों के लिए सुलभ रहें।”

पिछले साल मानसून के बाद बहराइच की अपनी यात्रा का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने भेड़ियों के एक झुंड द्वारा क्षेत्र में आतंक मचाये रखने का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, “हालांकि जंगली जानवर आम तौर पर सामान्य परिस्थितियों में लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन स्थिति खराब हो गई थी, जिससे बच्चों की जान जाने सहित दुखद घटनाएं हुईं। राज्य सरकार ने पहले ही मानव-वन्यजीव संघर्ष को आपदा के रूप में वर्गीकृत कर दिया था और हमने पीड़ित परिवारों को आपदा राहत कोष से तुरंत 5 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया।”

आदित्यनाथ ने बहराइच के ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘बहराइच में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां महाराजा सुहेलदेव का विजय स्मारक बन कर तैयार हो गया है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि बहराइच में कतर्निया घाट को ‘इको-टूरिज्म’ केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *