बैंकिंग क्षेत्र को बदलते वैश्विक परिदृश्य में नवाचार, नेतृत्व जारी रखना चाहिए: सीतारमण

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मुंबई, आठ मार्च (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि बैंकिंग क्षेत्र को बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच नवाचार और नेतृत्व करना जारी रखना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में प्रौद्योगिकी, स्थिरता और समावेशिता को अपनाएगा।

एसबीआई के स्थापना दिवस के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह के शुभारंभ पर मंत्री ने कहा कि एसबीआई ने बदलते परिदृश्य को पूरा करने के लिए लगातार विकास किया है और नियामकीय सख्ती के बावजूद बाजार के नेता के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है।

सीतारमण ने कहा, “दुनिया तेजी से बदल रही है, और बैंकिंग क्षेत्र को नवाचार करना जारी रखना चाहिए और नेतृत्व भी करना चाहिए। मुझे विश्वास है कि एसबीआई प्रौद्योगिकी, स्थिरता और समावेशिता को अपने मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में अपनाकर इस अवसर पर आगे बढ़ेगा।”

उन्होंने कहा कि एसबीआई ग्राहकों की बदलती अपेक्षाओं के अनुरूप अपने व्यक्तिगत वितरण चैनलों को नए सिरे से तैयार कर रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा, “दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक के रूप में, जो वैश्विक आबादी के लगभग 5.6 प्रतिशत को सेवाएं प्रदान करता है, एसबीआई पहले से कहीं अधिक चुस्त और प्रतिस्पर्धी बन गया है।”

सीतारमण ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई अब सतत वृद्धि के माध्यम से बेहतर मूल्य सृजन करने के लिए आदर्श स्थिति में है।

उन्होंने कहा कि एसबीआई का लक्ष्य ऋण प्रदर्शन, परिसंपत्ति गुणवत्ता, लाभप्रदता और पूंजी सृजन में अपने परिचालन उत्कृष्टता को बढ़ाकर इसे हासिल करना है, जिससे धन सृजन को बढ़ावा मिले।

एसबीआई की स्थापना एक जुलाई, 1955 को संसद के एक अधिनियम के तहत की गई थी। पिछले 70 वर्षों में बैंक के ग्राहकों की संख्या 51 करोड़ से अधिक हो गई है। इसका कुल कारोबार 87 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिसमें 2.37 लाख से अधिक कर्मचारी हैं।

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