हरियाणा के सुरक्षा बलों ने शंभू-अंबाला मार्ग को खाली करने के लिए अवरोधक हटाने शुरू किए

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चंडीगढ़, 20 मार्च (भाषा) हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों ने शंभू बॉर्डर से प्रदर्शनकारी किसानों को हटाए जाने के बाद बृहस्पतिवार सुबह सीमेंट के वे अवरोधक हटाने शुरू कर दिए जो पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए लगाए गए थे।

करीब एक साल से बंद पड़े शंभू-अंबाला मार्ग से कंक्रीट के अवरोधक जेसीबी मशीनों की मदद से हटाए जा रहे हैं।

हरियाणा के सुरक्षा अधिकारियों ने पंजाब से लगी राज्य की सीमा पर सीमेंट के ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटीले तारों की मदद से अवरोधक लगाए थे ताकि पंजाब से किसानों के ‘दिल्ली चलो’ कार्यक्रम के तहत राजधानी की ओर बढ़ने के हर प्रयास को विफल किया जा सके।

पंजाब पुलिस ने बुधवार को सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को मोहाली में उस समय हिरासत में ले लिया, जब वे चंडीगढ़ में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक करने के बाद लौट रहे थे।

पुलिस ने शंभू और खनौरी धरना स्थलों से भी प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया। प्रदर्शन के कारण ये स्थल एक साल से अधिक समय से अवरुद्ध थे।

पुलिस ने इन दोनों स्थलों पर बनाए गए अस्थायी ढांचों और मंचों को भी जेसीबी मशीनों का उपयोग करके गिरा दिया।

चंडीगढ़ में दोनों पक्षों के बीच हुई सातवें दौर की वार्ता में केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी किया।

चर्चा मुख्य रूप से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग पर केंद्रित रही।

किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने बताया कि पंधेर और डल्लेवाल के साथ अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटरा और मंजीत सिंह राय को हिरासत में लिया गया है।

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किसानों को प्रदर्शन स्थलों से हटाए जाने को उचित ठहराते हुए कहा कि राज्य के लिए जीवनरेखा सरीखे दोनों राजमार्गों के लंबे समय तक बंद रहने से उद्योग और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी (आप) युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए प्रतिबद्ध है। अगर व्यापार और उद्योग सुचारू रूप से चलते रहेंगे तो उन्हें रोजगार मिलेगा।’’

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली कूच करने से रोके जाने पर पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) बॉर्डर पर डेरा डाले हुए थे।

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