नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने शेयर ब्रोकरों के पास मौजूद बिना दावे वाली राशि और प्रतिभूतियों के बारे में प्रस्तावित दिशानिर्देशों पर सार्वजनिक टिप्पणियां देने की समयसीमा मार्च के अंत तक बढ़ा दी है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 11 फरवरी को इस प्रस्ताव पर परामर्श पत्र जारी किया था। उसने इसके प्रावधानों पर चार मार्च, 2025 तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की थीं।
सेबी ने शुक्रवार को कहा कि इस परामर्श पत्र पर सार्वजनिक टिप्पणियां पेश करने की समयसीमा 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
बाजार नियामक ने अपने परामर्श पत्र में कहा है कि यदि सामान्य कारोबारी प्रक्रिया में ग्राहक के बैंक खाते या डीमैट खाते में फंड या प्रतिभूतियां जमा नहीं की जा सकती हैं या ग्राहक तक पहुंच पाना ही संभव नहीं है, तो ऐसे ग्राहक खातों को तुरंत ‘पूछताछ स्थिति’ में डाल दिया जाएगा।
इसके साथ ही ब्रोकर को पत्र, ई-मेल, टेलीफोन या किसी अन्य संभव तरीके से ग्राहकों से संपर्क करना चाहिए। सेबी ने कहा कि ऐसे ग्राहक का पता लगाने के लिए उपाय किए जाने की जरूरत है।
कारोबारी सदस्य यानी ब्रोकर के पास मौजूद इस राशि को बिना दावा वाला फंड कहा जाना चाहिए।
यदि ग्राहकों का पता नहीं चल पाता है, तो ब्रोकर को ग्राहक के परिचयकर्ता, नामित व्यक्ति, ग्राहक के नियोक्ता या किसी अन्य संबंधित व्यक्ति से संपर्क करके ग्राहक के ठिकाने का पता लगाना चाहिए।