किशोरावस्था में आते-आते अधिकांश लड़कियों की समस्या होती है मुंहासे। मुंहासे युवावस्था की निशानी हैं क्योंकि इस शरीर में हार्मोंस के स्तर में परिवर्तन होता है परन्तु कभी-कभी हमेशा के लिए इसके निशान रह जाते हैं। लड़कियों की सुन्दरता पर ये मंुहासे एक प्रश्नचिन्ह लगा देते हैं। लड़कियों के मन में एक हीन-भावना आ जाती है और वेे लड़कों से कटने लगती हैं। मुंहासे के कारण:- हमारी त्वचा में तैलीय गं्रथियां होती हैं। विभिन्न कारणों से इन तैलीय ग्रंथियों की नलियां सिकुड़ कर बंद हो जाती हैं जिससे इनसे निकलने वाला तरल पदार्थ अंदर रह जाता है तथा ग्रंथियां आकार में फूलने लगती हैं। तत्पश्चात जीवाणु उत्पन्न होकर उसमें इन्फेक्शन उत्पन्न कर देते हैं। इसी प्रक्रिया से मुंहासों का निर्माण होता है। मुंहासों का उपचार:- रोज दो बार किसी मेडिकेटेड सोप से चेहरा धोयें तथा साफ कपड़ा या रूमाल से पोंछ लें। रात में सोने से पूर्व ’एस्ट्रिंजेंट‘ से मुंह पोंछकर कोई अच्छी क्रीम लगाएं। मुंहासों के उत्पन्न होने पर सर्वप्रथम एंटीबायोटिक दवाएं तथा मवाद अथवा टूकेक्शन को नियंत्रित करने के लिए क्रीम लगाएं। मेकअप का प्रयोग कम से कम करें। कुछ घरेलू उपचार:- त नींबू के आधे भाग को लेकर चेहरे पर आहिस्ता-आहिस्ता मलें। त दही का चेहरे पर मसाज सूखी एवं तैलीय त्वचा दोनों के लिए फायदेमंद है। त बराबर मात्रा में काला एवं सफेद जीरा दूध के साथ घिसकर पेस्ट बना लें एवं चेहरे पर लगाकर 25 मिनट तक रखें। पुनः सादे पानी से धो लें। आज के वैज्ञानिक युग में मुंहासे के दाग को कॉस्मेटिक सर्जरी आदि विधि से मिटाया जाता है किन्तु यदि उपरोक्त उपचार करें तो मुंहासों से निजात मिल सकती है।