नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) कर्ज के बोझ से दबी रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के ऋणदाताओं ने इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष दायर याचिका वापस ले ली है।
रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने एनसीएलएटी को सूचित किया है कि आईआईएचएल द्वारा समाधान योजना को पूरी तरह से लागू किया गया है और समाधान योजना के अनुरूप पूर्ण भुगतान राशि हस्तांतरित की गई है।
सीओसी ने आईआईएचएल द्वारा समाधान योजना के कार्यान्वयन के पूरा होने पर विचार करते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश के खिलाफ दायर अपनी अपील को वापस लेने के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण से अनुमति मांगी।
सीओसी के आवेदन को अनुमति देते हुए एनसीएलएटी ने कहा कि प्रशासक के साथ-साथ आईआईएचएल के लिए उपस्थित वकील ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना और न्यायमूर्ति अजय दास मेहरोत्रा की दो सदस्यीय पीठ ने 24 मार्च, 2025 को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में, इस आवेदन को स्वीकार किया जाता है। साथ ही अपील को निपटाया जाता है। यदि कोई लंबित आवेदन है, तो उसका भी निपटारा किया जाता है।’’
आईआईएचएल दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत संकटग्रस्त वित्तीय सेवा कंपनी का अधिग्रहण करने के लिए अप्रैल, 2023 में 9,650 करोड़ रुपये की उच्चतम बोली के साथ सफल समाधान आवेदक के रूप में उभरी था। हालांकि, समाधान योजना और योजना अनुमोदन आदेश के अनुसार, समाधान योजना को आईआईएचएल द्वारा 27 मई, 2024 को या उससे पहले लागू किया जाना था। इस समयसीमा को 10 अगस्त, 2024 तक बढ़ा दिया गया था।
ऋणदाता के वकील ने कहा कि विस्तारित अवधि के दौरान, आईआईएचएल द्वारा कॉरपोरेट देनदार (रिलायंस कैप) के प्रशासक और सीओसी के सहयोग से समाधान योजना के कार्यान्वयन की दिशा में कदम उठाए गए। आईआईएचएल द्वारा कार्यान्वयन चरणों को शामिल करते हुए एक प्रक्रिया नोट प्रस्तुत किया गया, जिसपर विभिन्न पक्षों द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी और जिसे सीओसी ने अनुमोदित किया।
रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं ने पिछले साल एनसीएलएटी में एनसीएलटी की मुंबई पीठ द्वारा पारित आदेश में संशोधन की अपील की थी। एनसीएलटी ने 23 जुलाई, 2024 को आईआईएचएल को सीओसी के एस्क्रो खातों में 2,750 करोड़ रुपये का इक्विटी हिस्सा जमा करने का निर्देश दिया था।
नवंबर, 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक ने अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी द्वारा कामकाज के संचालन के मुद्दों और भुगतान चूक को लेकर रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को को हटा दिया था। केंद्रीय बैंक ने नागेश्वर राव वाई को कंपनी का प्रशासक नियुक्त किया था, जिन्होंने कंपनी के अधिग्रहण के लिए फरवरी, 2022 में बोलियां आमंत्रित की थीं।