कुंभ के दौरान रेलगाड़ियों के शीशे तोड़ने की 23 घटनाओं में रेलवे को हुआ 3.3 लाख का नुकसान: वैष्णव

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नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर सवारी डिब्बों के दरवाजे व खिड़कियों के शीशे तोड़ने की 23 घटनाएं हुईं और इनमें रेलवे को 3.3 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक लिखित सवाल के उत्तर में यह जानकारी दी।

उन्होंने यह भी बताया कि इन घटनाओं में रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) की ओर से की गई कानूनी कार्रवाई में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम की सदस्य एम वी एम सोमू ने रेल मंत्री से कुंभ मेले के दौरान रेलवे संपत्ति को हुए नुकसान का ब्योरा मांगा था।

वैष्णव ने इसके जवाब में कहा, ‘‘कुंभ मेला के दौरान विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर सवारी डिब्बों के दरवाजे या खिड़कियों के शीशे तोड़ने की 23 घटनाओं की सूचना प्राप्त हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन घटनाओं में रेलवे को लगभग 3.3 लाख रुपये का नुकसान हुआ। सभी घटनाओं में रेल सुरक्षा बल द्वारा कानूनी कार्रवाई की गई, जिनमें 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया।’’

बारह साल में एक बार आयोजित होने वाला महाकुंभ इस साल 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) से 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) तक आयोजित किया गया और इसमें नागा साधुओं ने शोभा यात्राएं निकाली और तीन अमृत स्नान हुए। सरकारी दावों के अनुसार इस धार्मिक आयोजन के दौरान रिकॉर्ड 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।

वैष्णव ने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि 15 फरवरी 2025 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 33 पीड़ितों या उनके परिवार के सदस्यों को 2.01 करोड रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया गया है।

उन्होंने बताया कि रेल अधिनियम, 1989 की धारा 124 और धारा 124-ए (धारा 123 के साथ पठित) के तहत परिभाषित रेल दुर्धटनाओं और अप्रत्याशित दुर्घटनाओं में रेल यात्रियों की मृत्यु या घायल होने पर रेलवे मुआवजा देता है, जिसका निर्णय रेल दावा अधिकरण (आरसीटी) द्वारा पीड़ितों या उनके आश्रितों द्वारा आरसीटी के समक्ष दायर किए गए दावे के आवेदन के आधार पर किया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘उचित कानूनी प्रक्रिया का अनुपालन करने के पश्चात आरसीटी मामलों का निपटान करता है।’’

वैष्णव ने कहा कि रेल प्रशासन तब मुआवजा देता है जब आरसीटी द्वारा दावेदार के पक्ष में निर्णय दिया जाता है और रेलवे उस आदेश को लागू करने का निर्णय लेता है।

रेल मंत्री ने कहा कि महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण, निगरानी और वास्तविक समय की निगरानी पर जोर देने जैसी व्यापक सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई थी।

उन्होंने बताया कि भीड़ पर नजर रखने और संभावित अपराधियों पर नजर रखने के लिए 116 फैसियल रिकॉग्निशन सिस्टम कैमरों सहित कुल लगभग 1200 सीसीटीवी कैमरा का उपयोग किया गया।

वैष्णव ने बताया कि रेल पथ की निगरानी और स्टेशनों तक पहुंचने वाले सड़कों पर भीड़ प्रबंधन के लिए ड्रोन कैमरे पर उपलब्ध कराए गए।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रयागराज में रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 15,000 रेल सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। गाड़ियों के सुचारू परिचालन और यात्रियों की आवाजाही के लिए विभिन्न स्टेशनों जैसे अयोध्या, दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, पटना आदि पर अतिरिक्त तैनाती भी की गई।’’

उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए रेलवे द्वारा जीआरपी, स्थानीय पुलिस और अन्य हितधारकों के समन्वय से और भी कई सारे कदम उठाए गए थे।

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