वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को समझा जा सकता है: उमर

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जम्मू, 24 मार्च (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि देश भर में वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन समझ में आता है क्योंकि केवल एक विशेष धर्म को “निशाना” बनाया जा रहा है।

विधानसभा के बाहर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “सभी धर्मों से धर्मार्थ गतिविधियां जुड़ी हुई हैं और मुसलमान ये गतिविधियां वक्फ के माध्यम से करते हैं। जब किसी विशेष धर्म को निशाना बनाया जाता है, तो तनाव पैदा होता है।”

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने रविवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की, जिसमें पहले चरण के तहत क्रमशः 26 और 29 मार्च को पटना और विजयवाड़ा में राज्य विधानसभाओं के सामने बड़े पैमाने पर धरना देने की योजना बनाई गई है।

संसद की संयुक्त समिति ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। हालांकि, यह अभी तक सूचीबद्ध नहीं किया गया है, लेकिन अटकलें हैं कि प्रस्तावित कानून को मौजूदा बजट सत्र के दौरान संसद में पारित करने के लिए पेश किया जा सकता है।

विधेयक पर 31 सदस्यीय समिति ने कई बैठकों और सुनवाई के बाद प्रस्तावित कानून में कई संशोधन सुझाए, जबकि विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट से असहमति जताई।

लगभग 655 पन्नों की रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई।

संयुक्त समिति ने सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों द्वारा सुझाए गए बदलावों वाली रिपोर्ट को 15-11 बहुमत से स्वीकार कर लिया। विपक्ष ने इस कवायद को वक्फ बोर्डों को नष्ट करने का प्रयास करार दिया।

पिछले साल आठ अगस्त को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद इस विधेयक को संयुक्त समिति को भेज दिया गया था।

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