प्रधानमंत्री ने गिर में सफारी का आनंद लिया, एशियाई शेरों के आवास के संरक्षण पर आदिवासियों को सराहा

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सासण (गुजरात), तीन मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर सोमवार की सुबह गुजरात के जूनागढ़ जिले में गिर वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी का आनंद लिया।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा कि सामूहिक प्रयासों के कारण एशियाई शेरों की आबादी में लगातार वृद्धि देखी गई है। उन्होंने एशियाई शेरों के आवास को संरक्षित करने में आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों और महिलाओं के योगदान की सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘‘आज सुबह विश्व वन्यजीव दिवस पर मैं गिर में सफारी पर गया। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि गिर, जंगल के राजा एशियाई शेरों का घर है। गिर आकर मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में हमारे द्वारा सामूहिक रूप से किए गए काम की कई यादें भी ताजा हो गईं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘पिछले कई वर्षों में सामूहिक प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया कि एशियाई शेरों की आबादी लगातार बढ़े। एशियाई शेरों के आवास को संरक्षित करने में आदिवासी समुदायों और आसपास के क्षेत्रों की महिलाओं की भूमिका भी उतनी ही सराहनीय है।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘पिछले दशक में बाघों, तेंदुओं, गैंडों की आबादी में भी वृद्धि हुई है, जो दर्शाता है कि हम वन्यजीवों को कितना महत्व देते हैं और जानवरों के लिए स्थायी आवास बनाने के लिए काम कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने सफारी के दौरान दिखे शेरों की तस्वीरें भी साझा कीं।

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, अन्य मंत्री और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सफारी के दौरान मोदी के साथ थे।

इसके बाद प्रधानमंत्री गिर वन्यजीव अभयारण्य के मुख्यालय सासण गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की सातवीं बैठक की अध्यक्षता करने पहुंचे।

एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ के तहत 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की है। इन शेरों का एकमात्र निवास स्थान गुजरात है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्तमान में एशियाई शेर गुजरात के नौ जिलों के 53 तालुकाओं में लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर में निवास करते हैं।

इसके अलावा, एक राष्ट्रीय परियोजना के तहत जूनागढ़ जिले के न्यू पिपल्या में 20.24 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर वन्यजीवों के चिकित्सीय निदान एवं रोग से बचाव के लिए एक ‘राष्ट्रीय रेफरल केंद्र’ स्थापित किया जा रहा है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि संरक्षण प्रयासों को मजबूत करने के वास्ते सासण में वन्यजीव निगरानी के लिए उच्च तकनीक से युक्त निगरानी केंद्र और एक अत्याधुनिक अस्पताल भी स्थापित किया गया है।

इससे पहले, सोमनाथ से आने के बाद मोदी ने सासण में वन अतिथि गृह ‘सिंह सदन’ में रात्रि विश्राम किया। रविवार शाम को उन्होंने सोमनाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है।

‘सिंह सदन’ से प्रधानमंत्री जंगल सफारी पर गए, उनके साथ कुछ मंत्री और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

मोदी ने रविवार को रिलायंस जामनगर रिफाइनरी परिसर में स्थित पशु बचाव, संरक्षण और पुनर्वास केंद्र ‘वनतारा’ का भी दौरा किया।

यह बचाव केंद्र बंदी हाथियों और वन्यजीवों के कल्याण के लिए समर्पित है, जो दुर्व्यवहार और शोषण से बचाए गए जानवरों को शरण, पुनर्वास और चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है।

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