भारत के दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने के बाद चालू राजकोषीय घाटा लगातार कम होगा: निशिकांत दुबे

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Nishikant-Dubey

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को विश्वास जताया कि 2027 में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और उसके बाद देश का चालू राजकोषीय घाटा लगातार कम होगा।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि पार्टी का एक सूत्री एजेंडा इस सरकार का विरोध करना है और उसे कुछ भी अच्छा नहीं दिखाई देता।

वित्त विधेयक, 2025 पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए दुबे ने कहा कि इस देश के इतिहास में चालू राजकोषीय घाटा केवल एक बार, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय 2004 में कम हुआ था।

उन्होंने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के सदन में दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आप इंतजार कीजिए। जब 2027 के बाद भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा, उसके बाद चालू राजकोषीय घाटा लगातार कम होगा, चिंता की कोई बात नहीं है।’’

दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रयासों से भारत 2034 से 2040 तक पहले दुनिया की नंबर दो और फिर नंबर एक की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस समय वित्त के मामले में अमेरिका, यूरोप समेत पूरी दुनिया कराह रही है, ऐसे में सबकी नजर भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था पर है।

भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘पूरे सदन और देश को यह जानना चाहिए कि 2014 तक भारत की अर्थव्यवस्था केवल 2 लाख करोड़ डॉलर की थी। आज वह दस साल में 4.5 लाख करोड़ डॉलर की हो गई है।’’

उन्होंने थरूर की एक टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि यह जादूगर का बजट नहीं, मजदूरों का बजट है।

भाजपा सांसद ने कहा कि 2014 में कर-जीडीपी अनुपात 6.5 था और आज यह लगभग 11.7 प्रतिशत पर है।

उन्होंने कुछ पूर्व वित्त मंत्रियों के लोकसभा में दिए गए बजट भाषणों का उल्लेख करते हुए कहा कि 1954 में देश में 93.5 प्रतिशत तक आयकर था, 1964 में यह लगभग 94 प्रतिशत हो गया।

दुबे ने 1973 में इंदिरा गांधी के बजट भाषण के हवाले से कहा, ‘‘उन्होंने कहा था कि 94 प्रतिशत से कम आयकर सीमा से काम नहीं चलेगा।’’

भाजपा सदस्य ने कहा कि 1986 में तत्कालीन वित्त मंत्री वीपी सिंह ने 62 प्रतिशत आयकर सीमा रखी थी, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है और लगभग 13 लाख रुपये की वार्षिक आय को कर से मुक्त कर दिया है।

दुबे ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1988 में बेनामी कानून लाए थे, लेकिन 2011 तक उसके नियम नहीं बनाए गए।

उन्होंने 2013-14 की ‘राजस्व फॉरगॉन रिपोर्ट’ का हवाला देते हुए कहा कि उस समय सारे कारोबारियों का पांच लाख करोड़ रुपये छोड़ा गया।

इस दौरान कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इस सरकार ने अरबपति उद्यमियों का 18 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट कर माफ कर दिया।

इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह कर्ज को बट्टे खाते में डाले जाने की बात कर रहे हैं और इस सदन में कई बार यह स्पष्टीकरण दिया जा चुका है कि बट्टे खाते में डालना कर्ज माफ करना नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद जिस राजस्व ‘फॉरगॉन’ की बात कर रहे हैं, उसका और कर्ज को बट्टे खाते में डालने का कोई लेनादेना नहीं है।

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