कोलकाता, 23 मार्च (भाषा) केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार देश भर में बड़ी प्रवासी बिहारी आबादी से जुड़ने के लिए ठोस प्रयास कर रही है।
यह कदम इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उठाया गया है।
बिहार दिवस समारोह में भाग लेने के लिए कोलकाता पहुंचे दुबे ने कहा कि आजीविका के लिए राज्य से बाहर रहने वाले अनुमानत: दो करोड़ बिहारियों से जुड़ने के लिए 22 से 30 मार्च तक कई राज्यों में 75 स्थानों पर इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
दुबे ने संवाददाताओं से कहा,‘‘राजग सरकार चाहती है कि वे बिहार में हुए विकास और प्रगति को प्रत्यक्ष रूप से देखें। हमें उम्मीद है कि गठबंधन को सत्ता में वापसी के लिए उनका समर्थन जारी रहेगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या यह कदम चुनाव जीतने के उद्देश्य से उठाया गया है, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्राथमिक उद्देश्य नहीं है, बल्कि (प्रवासी बिहारियों के साथ) भावनात्मक संबंधों को मजबूत करना है।
दुबे ने प्रवासी बिहारियों के साथ अपने जुड़ाव को गहरा करने के पार्टी के प्रयास को स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि वे स्थानांतरित हों या बिहार के नए मतदाता बनें, लेकिन उन्हें अपनी मातृभूमि से जुड़े रहना चाहिए।’’
मंत्री ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार के साथ पार्टी के संबंध मजबूत हैं और आगे भी ऐसे ही बने रहेंगे।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि भाजपा की आगामी चुनाव में हर वोट पर नजर है, क्योंकि चुनावी मुकाबला नए आयामों के साथ और भी कड़ा हो सकता है।
बंगाल में अब तक भाजपा की सीमित चुनावी सफलता के बारे में पूछे जाने पर दुबे ने कहा, ‘‘कुछ साल पहले भाजपा कहां थी? देखिए बंगाल में वाम मोर्चे के साथ क्या हुआ – वही हश्र तृणमूल कांग्रेस का भी होने वाला है।’’
उन्होंने 2026 में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में कहा कि भाजपा कमर कस रही है तथा राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का यही सबसे सटीक समय है।