नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने सोमवार को नजफगढ़ में ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी) को लेकर हुई प्रगति की समीक्षा की और छह महीने के अंदर केंद्र का पूर्ण रूप से परिचालन शुरू करने का आदेश दिया।
कौशल विकास पर जोर देते हुए उन्होंने एकीकृत प्राथमिक, माध्यमिक, आयुष और प्रशिक्षण सेवाओं के लिए एक मॉडल के रूप में आरएचटीसी की भूमिका पर प्रकाश डाला और संस्थान की स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार में केंद्र के समर्थन का आश्वासन दिया।
नड्डा ने पालम में ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ का भी दौरा किया और नजफगढ़, उजवा एवं पालम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को केंद्र सरकार के अधीन बनाए रखने को मंजूरी दी तथा तीन महीने के भीतर राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) एवं भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) प्रमाणन का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत नजफगढ़ में आरएचटीसी स्वास्थ्य के क्षेत्र में कौशल विकास के साथ-साथ प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए एक प्रमुख संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 1937 में एक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में इसकी स्थापना हुई और बीते वर्षों में तीन परिसरों (नजफगढ़, पालम और उजवा) में इसका विस्तार किया गया। आरएचटीसी को अब प्राथमिक, माध्यमिक, आयुष और कौशल विकास तथा भविष्य में तृतीयक देखभाल के लिए एक मॉडल एकीकृत केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
नजफगढ़ प्राथमिक सेवाओं के विस्तार के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन का गवाह बनने के लिए तैयार है और पहले से ही माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की शुरुआत की गई है।
बयान में कहा गया है कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) को एनक्यूएएस से मान्यता प्राप्त होगी, जो मानकीकृत, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं घर-घर पहुंचाने की सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।
प्राथमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवा के बीच की खाई को पाटने के लिए आरएचटीसी अस्पताल को 183 बिस्तरों वाले सामान्य अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है।
यह एक अनूठी स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था है, जो वर्तमान में एक ही परिसर में प्राथमिक, द्वितीयक देखभाल और आयुष सेवाएं प्रदान करती है।
बयान में कहा गया है कि यह अस्पताल गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपचार, आपातकालीन देखभाल और विशेष स्वास्थ्य सेवा मदद प्रदान करने के लिए तैयार है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि निवासियों को घर के नजदीक उन्नत चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।
आरएचटीसी आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत आईटी-सक्षम स्वास्थ्य सेवा समाधानों को अपना रहा है ताकि डिजिटल रूप से सशक्त स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके, दक्षता, पहुंच और रोगी-केंद्रित देखभाल को बढ़ाया जा सके।