मुंडे ने नैतिक आधार पर मंत्री पद से इस्तीफा दिया: भुजबल

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मुंबई, चार मार्च (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता छगन भुजबल ने मंगलवार को कहा कि पार्टी सहयोगी धनंजय मुंडे ने नैतिक आधार पर महाराष्ट्र के मंत्री पद से इस्तीफा दिया है और अभी यह ज्ञात नहीं है कि वह सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में शामिल हैं या नहीं।

मुंडे ने मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। कुछ दिन पहले ही उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को बीड के सरपंच की हत्या के मामले में ‘मास्टरमाइंड’ बताया गया था।

राकांपा विधायक मुंडे को मंत्रिमंडल से हटाने की विपक्ष की जोरदार मांग के बाद यह इस्तीफा सामने आया है।

इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार देर रात को उपमुख्यमंत्री और राकांपा प्रमुख अजित पवार, मुंडे सहित वरिष्ठ राकांपा नेताओं के साथ बैठक की।

मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित भयावह तस्वीरें और अदालती आरोपपत्र के विवरण सामने आने के बाद विपक्ष ने मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज कर दी। इन तस्वीरों और अदालती आरोपपत्र में हत्या से पहले की गई क्रूरता का खुलासा हुआ है।

भुजबल ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह ज्ञात नहीं है कि वह (मुंडे) संतोष देशमुख की हत्या के जघन्य अपराध में शामिल हैं या नहीं। पार्टी प्रमुख होने के नाते अजित पवार इस मुद्दे पर राकांपा के रुख के संबंध में फैसला लेंगे।’’

इस बीच, विपक्षी महा विकास आघाडी के सदस्यों ने विधान भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है।

बीड के मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख को पिछले साल नौ दिसंबर को कथित तौर पर जिले में एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश करने पर अगवा कर लिया गया और प्रताड़ित किया गया था। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।

राज्य अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) ने 27 फरवरी को देशमुख की हत्या और दो संबंधित मामलों में बीड जिले की एक अदालत में 1,200 से अधिक पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया।

सरपंच की हत्या, अवाडा कंपनी से पैसे ऐंठने की कोशिश और कंपनी के सुरक्षा गार्ड पर हमला करने के तीन अलग-अलग मामले बीड के केज थाने में दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया है।

सरपंच की हत्या, अवाडा कंपनी से पैसे ऐंठने की कोशिश और कंपनी के सुरक्षा गार्ड पर हमला करने के तीन अलग-अलग मामले बीड के केज थाने में दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया है।

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