उज्जैन, 15 मार्च (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को उज्जैन में साधु-संतों के साथ होली मनाई, जिनमें कॉलेज में उनके जूनियर और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद गिरि भी शामिल थे।
समारोह के दौरान छात्र राजनीति में यादव के जूनियर रहे स्वामी शैलेशानंद मुख्यमंत्री को गुलाल लगाते और पुरानी यादें ताजा करते नजर आए।
स्वामी शैलेशानंद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मोहन यादव मुझसे पांच-छह साल सीनियर थे और वह माधव विज्ञान महाविद्यालय, उज्जैन से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राजनीति में सक्रिय थे।”
उन्होंने कहा, “मैं उस समय शैलेश व्यास था और उनसे (यादव) बहुत जूनियर था। उस समय कांग्रेस की सरकार थी और मैं छात्र संघ का नेता था। एबीवीपी प्रारंभिक अवस्था में था और यादव, वीडी शर्मा (भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के मौजूदा अध्यक्ष), नरेश शर्मा, प्रदीप पांडे, भवर सिंह चौधरी और अनिल जैन (विधायक) ने संगठन को खड़ा करने के लिए दिन-रात काम किया।”
स्वामी शैलेशानंद ने कहा कि एबीवीपी छात्र राजनीति में खुद को स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रही थी, लेकिन यादव की तपस्या रंग लाई और संगठन राज्य में मजबूत होकर उभरा।
उन्होंने कहा, “मोहन यादव मेरे बड़े भाई की तरह हैं और वह हमेशा मेरा साथ देते थे। बाद में मैं एनएसयूआई और युवा कांग्रेस का प्रवक्ता बन गया। 2004 में वैचारिक मतभेदों के कारण मेरी रुचि खत्म हो गई और मैंने राजनीति छोड़ दी। मैंने संन्यास ले लिया और महायोगी पायलट बाबाजी के मार्गदर्शन में ध्यान के लिए हिमालय चला गया।”
स्वामी शैलेशानंद नेकहा कि यह संयोग ही है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी और अन्य संत उज्जैन में थे तथा मुख्यमंत्री ने बिना किसी प्रोटोकॉल के संतों के साथ होली मनाई।
उन्होंने कहा कि “होली के रंग, संतों के संग” कार्यक्रम में यादव ने संतों को भरोसा दिलाया कि हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में भी आश्रम बनाने के लिए उन्हें जमीन दी जाएगी।