सहकारिता मंत्रालय ने अब तक 60 पहल की, सहकारी समितियों का भविष्य उज्ज्वल : अमित शाह
Focus News 9 March 2025 0
अहमदाबाद, नौ मार्च (भाषा )केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता का भविष्य उज्ज्वल है और उनके मंत्रालय ने अपने गठन के बाद से 60 से अधिक पहल शुरू की हैं।
शाह ने अहमदाबाद जिला सहकारी (एडीसी) बैंक के स्वर्णिम शताब्दी समापन समारोह को संबोधित करते हुए एडीसी को छोटे लोगों के लिए एक बड़ा बैंक बताया, जिसने पीढ़ियों से लाखों किसानों और पशुपालकों के जीवन में समृद्धि लाने का काम किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘जब से (मोदी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की है) तब से इसने 60 से अधिक पहल की हैं। हमने पांच वर्षों में दो लाख प्राथमिक सहकारी समितियों का पंजीकरण सुनिश्चित किया है। इसमें सेवा सहकारी समितियां और प्राथमिक दूध उत्पादक सहकारी समितियां शामिल हैं, जो सहकारी आंदोलन की नींव हैं।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता का भविष्य उज्ज्वल है।
शाह ने कहा कि देश में एक भी पंचायत ऐसी नहीं होनी चाहिए, जिसमें प्राथमिक सेवा सहकारी समिति या प्राथमिक दुग्ध उत्पादक समिति न हो। उन्होंने कहा कि समितियों के संविधान में अनेक आदर्श उपनियम बनाकर उन्हें अनेक नए कार्यों से जोड़ा गया है।
शाह ने कहा कि ऐसी सहकारी समितियां सस्ती दवा की दुकान भी खोल सकती हैं और पेट्रोल पंप तथा गैस वितरण सेवाओं के लिए उन्हें कोटा दिया गया है। मंत्री ने कहा कि सब्सिडी वाले अनाज के वितरण में भी उन्हें प्राथमिकता मिलती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘वे गोदाम भी बना सकते हैं और जलापूर्ति परियोजनाएं भी शुरू कर सकते हैं। जब तक सहकारी समिति मजबूत नहीं होगी, तब तक (सहकारी) बैंक मजबूत नहीं हो सकता। और जब तक बैंक मजबूत नहीं होगा, तब तक जिले या राज्य का डेयरी क्षेत्र फल-फूल नहीं सकता…।’’
उन्होंने कहा कि तीन राष्ट्रीय सहकारी समितियां पंजीकृत की गई हैं, जो गुणवत्तापूर्ण बीज, निर्यात और जैविक खेती के लिए है तथा मंडल (स्थानीय सहकारी समितियां) अब उनके साथ जुड़ गई हैं।
शाह ने कहा कि देश के 260 जिला सहकारी बैंकों में से एडीसी बैंक एकमात्र ऐसा बैंक है, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार 100 प्रतिशत ई-बैंकिंग सुविधा है।
उन्होंने कहा, ‘‘बैंक ने असंख्य खाताधारकों का विश्वास जीता है। यह कठिन दौर से गुजरा है, लेकिन जिसने भी इसका नेतृत्व किया, उसने इसे बेहतरीन तरीके से चलाने का काम किया, यही वजह है कि हम बैंक के अगले 100 साल का सपना देख सकते हैं।’’
शाह ने याद किया कि जब 25 साल पहले उन्हें बैंक का चेयरमैन चुना गया था, तो इसके अस्तित्व को लेकर संदेह जताया गया था। उन्होंने आश्वासन दिया था कि एक साल के भीतर बैंक मुनाफा कमाएगा और लाभांश वितरित करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तत्कालीन चेयरमैन को संदेह था, लेकिन बैंक ने महज एक वर्ष में ही मुनाफा कमाना शुरू कर दिया और लाभांश भी वितरित किया।
शाह ने कहा, ‘‘बैंक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और पिछले साल 100 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। आज इसका एनपीए (फंसा हुआ कर्ज) शून्य है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है।’’
इससे पहले दिन में केंद्रीय मंत्री ने अहमदाबाद में ट्रस्ट द्वारा आयोजित ‘‘अखंड आनंदोत्सव’’ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में सस्तु साहित्य मुद्रणालय ट्रस्ट द्वारा पुनर्मुद्रित 24 पुस्तकों का विमोचन किया।
उन्होंने कहा कि गोवर्धनराम त्रिपाठी, महात्मा गांधी, नर्माद, काकासाहेब कालेलकर, नरसिंह मेहता और सुंदरम जैसे अनेक गुजराती लेखकों की साहित्यिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करना गुजराती भाषा के प्रशंसकों और भाषाविदों की जिम्मेदारी है।
शाह ने कहा कि गुजरात में पठन-पाठन को बढ़ावा देने के लिए मोदी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर ‘वांचे गुजरात’ अभियान शुरू किया था। उन्होंने कहा कि पढ़ने से विचारों को सही दिशा मिलती है।
शाह ने कहा कि अगर कोई बच्चा या विद्यार्थी छोटी उम्र से ही पढ़ने की आदत डाल ले और इंटरनेट के आकर्षण के बीच भी उसे बनाए रखे, तो वह किसी भी मुश्किल परिस्थिति में टिक सकता है या जीवन में आने वाली किसी भी बाधा को पार कर सकता है।
शाह ने जैन आचार्य श्रीमद् बुद्धिसागर सूरीश्वरजी महाराज की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक स्मारक सिक्का भी जारी किया।
इस अवसर पर उपस्थित मुख्यमंत्री पटेल ने कहा, ‘‘सस्तु साहित्य मुद्रणालय ट्रस्ट केवल एक प्रिंटिंग प्रेस नहीं है, बल्कि एक संस्था है जो हमारी शिक्षा और साहित्य को जीवित रखती है और यह हमारी अनूठी विरासत है।’’
उन्होंने कहा कि 1907 में स्थापित यह संस्था एक शताब्दी से भी अधिक समय से भाषा, साहित्य और शिक्षा के प्रकाश के माध्यम से समाज को मार्गदर्शन एवं प्रेरणा दे रही है।