गरीबों, पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की जरूरतों की अनदेखी कर रही उप्र सरकार: मायावती

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लखनऊ, छह मार्च (भाषा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए गरीबों, पिछड़े वर्गों, दलितों और आदिवासियों की जरूरतों की अनदेखी कर उद्योगपतियों के हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया।

मायावती ने यहां लखनऊ में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “सरकार की आर्थिक नीतियों और बजटीय दावों से बड़े पैमाने पर मुट्ठी भर धनी पूंजीपतियों को फायदा होता है। अमीरों को और अमीर बनाने के बजाय सरकार को इस देश के लगभग 125 करोड़ आम नागरिकों के बीच गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन को खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए।”

उन्होंने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में विफल रही है जबकि राज्य को देश का ‘विकास इंजन’ कहा जाता है।

मायावती ने कहा, “इन आवश्यक सेवाओं की खराब स्थिति कोई रहस्य नहीं है। केंद्र की तरह उत्तर प्रदेश सरकार के पास भी धन की कोई कमी नहीं है लेकिन वंचितों के कल्याण के लिए इसका उपयोग करने में उसकी विफलता बेहद चिंताजनक है।”

बसपा सुप्रिमो ने भाजपा पर कांग्रेस के समान शासन मॉडल अपनाने का भी आरोप लगाया और कहा कि अन्य राज्यों में शासन करने वाली क्षेत्रीय पार्टियां भी इसी तरह का दृष्टिकोण अपना रही हैं।

उन्होंने दावा किया, “कांग्रेस की तरह भाजपा ने भी महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं को अप्रभावी बना दिया है। ग्रामीण परिवारों के उत्थान के लिए हमारी सरकार द्वारा शुरू की गई बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ग्रामीण समग्र विकास योजना (समग्र ग्राम विकास योजना) को कांग्रेस, सपा और अब भाजपा सरकारों ने निष्क्रिय कर दिया है।”

मायावती ने बसपा के कामकाज पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बसपा ने उत्तर प्रदेश में सत्ता में अपने चार कार्यकालों के दौरान वास्तविक सामाजिक और आर्थिक सुधार लागू किए थे।

उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक सशक्तिकरण लाने के लिए जमीनी स्तर पर काम किया। मौजूदा सरकार के विपरीत हमने ग्रामीण क्षेत्रों में 17 आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए पर्याप्त धन सुनिश्चित किया, जिससे लोगों के जीवन में उल्लेखनीय सुधार हुआ।”

मायावती ने अंबेडकरवादी सिद्धांतों के प्रति बसपा की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और हाशिए पर खड़े लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।

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