
दुबई, पांच मार्च (भाषा) मैदान पर हर प्रतिद्वंद्वी के साथ साथ पिछले कुछ अर्से से चली आ रही अपनी निजी कमजोरियों को भी चैम्पियंस ट्रॉफी में मीलों पीछे छोड़ देने वाले विराट कोहली क्रिकेट की रिकॉर्ड पुस्तिका में अपना नाम कई बार दर्ज कराने के बाद भी नयी ऊंचाइयों को छूने को आतुर लग रहे हैं ।
आस्ट्रेलिया के खिलाफ चैम्पियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल में अगर वह शतक से 16 रन से चूके नहीं होते तो यह उनका 25वां वनडे शतक होता । वैसे उन्हें मायूसी नहीं होगी क्योंकि उन्होंने इस पारी से कई उपलब्धियां हासिल की है ।
पहली तो यह कि लंबे समय से स्पिनरों ने उन्हें परेशान कर रखा था जिससे वह उबर गए हैं । दूसरी उनका अर्धशतक ऐसे प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ था जिसने अतीत में कई बार भारत का दिल तोड़ा है ।
यह चमत्कार हालांकि रातोंरात नहीं हुआ है बल्कि इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत है । कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले नेट पर दो घंटे ज्यादा बिताये चूंकि बांग्लादेश के खिलाफ स्पिनर रिशाद हुसैन ने उन्हें आउट किया था ।
उन्होंने पाकिस्तानी स्पिनर अबरार अहमद को बखूबी खेला लेकिन आस्ट्रेलिया के एडम जम्पा अलग लीग के गेंदबाज हैं । दुबई की धीमी पिच पर दूसरी पारी में गेंदबाजी से जम्पा को और मदद मिली ।
पहली बार दोनों का सामना 2017 में हुआ था जब जम्पा ने सफेद गेंद के प्रारूप में कोहली को पांच बार आउट किया । इसके बाद से कोहली ने आस्ट्रेलिया के इस दिग्गज लेग स्पिनर को जवाबी हमले से रोका है । चैम्पियंस ट्रॉफी के मैच से पहले उनके खिलाफ 107 की स्ट्राइक रेट से वह 245 गेंद में 264 रन बना चुके थे ।
सेमीफाइनल में उन्होंने जम्पा की 24 गेंद में 23 रन बनाये । जीत के लिये 265 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए यह शानदार तो नहीं लेकिन प्रभावी प्रदर्शन रहा । उन्हें जम्पा ने ही आउट किया लेकिन तब तक वह अपना काम कर चुके थे ।
भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कोहली की तारीफ करते हुए कहा ,‘‘ वह वनडे क्रिकेट में जबर्दस्त खिलाड़ी है । उसे पता है कि पहले बल्लेबाजी करने या लक्ष्य का पीछा करते हुए कैसे रणनीति बनानी है । वह हालात के अनुकूल तेजी से ढल जाता है और यही वजह है कि आला दर्जे के खिलाड़ी और अनुभव क्यो महत्वपूर्ण है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ यही वजह है कि वनडे क्रिकेट में उसका इतना जबर्दस्त रिकॉर्ड है । उम्मीद है कि वह भविष्य में भी ऐसे ही खेलते रहेगा ।’’
आस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने कहा ,‘‘ वह लक्ष्य का पीछा करने वाला सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है । हमारे खिलाफ वह कई बार ऐसा कर चुका है । वह अपनी ताकत पर खेलकर मैच को आखिर तक ले जाता है ।’’
छत्तीस वर्ष के कोहली ने लक्ष्य का पीछा करते हुए जीते हुए 106 मैचों में 5999 रन बनाये हैं । लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने 166 मैचों में 8063 रन बनाये जो सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे ज्यादा है ।
कोहली ने कल कहा था ,‘‘ मेरी टाइमिंग और पिच पर रवैया यही था कि हड़बड़ी नहीं करनी है । जितने एक एक रन मैने लिये हैं, वह मुझे सबसे ज्यादा खुशी दे रहे हैं।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ यह खेल दबाव के बारे में है । आपको जज्बात पर काबू पाना होता है । जब रनरेट छह रन प्रति ओवर था, मैं तब भी विचलित नहीं हुआ ।’’
लेकिन उनके इस फॉर्म से विरोधी टीमें जरूर विचलित हो गई होंगी क्योंकि ‘किंग’ ने लय हासिल कर ली है और एक बार फिर बादशाहत साबित करने को बेताब है ।