तिरुवनंतपुरम, 20 मार्च (भाषा) केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ‘आशा’ कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि की मांग किये जाने का मुद्दा उठाने और इसपर राज्य के रुख से केंद्र को अवगत कराने के लिए बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचीं।
यहां हवाई अड्डे पर सुबह पत्रकारों से बात करते हुए जॉर्ज ने कहा कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) कार्यकर्ताओं के मानदेय और अन्य प्रोत्साहन राशि को बढ़ाना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
जॉर्ज ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने पिछले 20 वर्षों से इसमें कोई वृद्धि नहीं की है। हम उन्हें (केंद्र को) वह सब कुछ बताएंगे, जो हमें (राज्य को) बताना है, जिसमें आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने की आवश्यकता भी शामिल है।’’
राज्य की मंत्री ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब आशा कार्यकर्ताओं का एक वर्ग बृहस्पतिवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने वाला है। ये लोग पिछले एक महीने से अधिक समय से सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
राज्य सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठने की एक दिन पहले घोषणा की थी।
प्रदर्शनकारियों ने बुधवार सुबह राज्य स्वास्थ्य मिशन अधिकारियों के साथ बातचीत की थी और इसके बाद दोपहर में स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज के साथ भी उनकी बातचीत हुई।
प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ताओं के नेताओं ने मीडिया को बताया कि दोनों वार्ताएं विफल रहीं, क्योंकि सरकार मानदेय वृद्धि सहित उनकी ‘मूलभूत मांगों’ को पूरा करने के लिए तैयार नहीं थी।
बाद में, जॉर्ज ने इस मामले पर राज्य सरकार की स्थिति स्पष्ट करने के लिए संवाददाता सम्मेलन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे आंदोलन को समाप्त करने का अनुरोध किया है और भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके लिए हर संभव प्रयास करेगा।’’
जॉर्ज ने आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया कि वह इसी सप्ताह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात करेंगी और प्रोत्साहन राशि में वृद्धि तथा उनके काम के संबंध में दिशानिर्देशों में बदलाव करने की मांग करेंगी।
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को सैकड़ों आशा कार्यकर्ताओं ने राज्य सचिवालय का घेराव किया था।
राज्य सरकार के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत 2023-24 में केंद्र सरकार से उसे कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है, जिससे आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान समेत केंद्र प्रायोजित कई योजनाओं पर असर पड़ा है।
केंद्र सरकार ने राज्य के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि उसने बकाया का भुगतान कर दिया है, लेकिन केरल से इस संबंध में प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त हुआ है।
केंद्र ने कहा है कि प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद आवश्यक राशि आशा कार्यकर्ताओं और राज्य को दे दी जाएगी।