
हम सब की जिंदगी में कभी-कभी ऐसे क्षण आ जाते हैं जब हम अपने को उदास और दुखी महसूस करते हैं और कभी-कभी यह उदासी और दुख इतना गंभीर रूप धारण कर लेता है कि हम डिप्रेशन की स्थिति में आ जाते हैं। डिप्रेशन के कारण हम अपने कार्यो को ठीक से नहीं कर पाते। डिप्रेशन हमारे मूड, व्यवहार व सोच सभी को प्रभावित करता है। यही नहीं, अधिक डिप्रेशन के कारण सिरदर्द, पीठदर्द, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, भूख न लगना आदि कई समस्याएं भी पेश आती हैं।
गंभीर डिप्रेशन का कारण व्यक्ति की जिंदगी में बहुत दुखद घटना, थायरायड विकार या मस्तिष्क में रसायनों का असंतुलन हो सकता है पर माइल्ड डिप्रेशन जिसकी अवधि कम होती है, का कारण आहार में पोषक तत्वों की कमी, जंक फूड का अधिक सेवन, रक्त में शर्करा की मात्रा कम होना, लो ब्लड शूगर, टेंशन या वंशानुगत होता है। कारण जो भी हो, यह व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है, इसलिए इससे सुरक्षा व इलाज बहुत आवश्यक है।
विशेषज्ञों का मानना है कि व्यक्ति का भोजन हमारे शरीर व मस्तिष्क दोनों पर प्रभाव डालता है। इसलिए डिप्रेशन में कुछ बातों पर विशेष ध्यान देंः-
अल्कोहल का सेवन न करें क्योंकि यह डिप्रेशन देता है। विटामिन और मिनरल खाद्य पदार्थो का सेवन भी डिप्रेशन से सुरक्षा देता है। विभिन्न शोधों से यह सामने आया है कि थाइमासन (बी1) और रिबोफ्लेविन (बी2) की कमी डिप्रेशन का कारण बनती है। यही नहीं, डिप्रेशन से पीडि़त कई रोगियों में फोलिक एसिड और जिंक की कमी भी पाई गई। इसलिए इन तत्वों के अच्छे स्रोतों का सेवन करें।
अगर आप थके हुए या नर्वस हैं तो उस समय अधिक जटिल कार्बोहाइडेªट युक्त खाद्य पदार्थो का सेवन करें। इससे आप बहुत आराम महसूस करेंगे। जटिल कार्बोहाइडेªट के अच्छे स्रोत हैं दालें, आलू, इडली, शकरकंद, पास्ता आदि।
बहुत अधिक तले हुए भोजन या डीप फ्राई खाद्य पदार्थो का सेवन कम करें क्योंकि इनकी पाचन प्रक्रिया धीमी होती है व ये अन्य खाद्य पदार्थो के पचने में भी बाधा डालते हैं। इस कारण से मानसिक सक्रियता की कमी भी हो सकती है।
गेहूं और गेहूं से बने अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। इनमें पाया जाने वाला ग्लूटेन भी डिप्रेशन का कारण बनता है।
व्यायाम तो डिप्रेशन में सबसे अधिक फायदेमंद है क्योंकि व्यायाम के दौरान हमारे मस्तिष्क में एंडार्फिन उत्पन्न होता है जो डिप्रेशन दूर भगाता है। इसके अतिरिक्त सूरज की रोशनी से शरीर द्वारा मेलाटोनिन नामक एक हार्मोन अधिक उत्पन्न होता है।यह मेलाटोनिन हार्मोन डिप्रेशन को कम करने में सहायक माना जाता हैं
इसके अतिरिक्त पर्याप्त आराम व आशावादी होना डिप्रेशन से लड़ने में सहायता देते हैं। आशावादी नजरिया व्यक्ति को खुश व स्वस्थ रखता है इसलिए आशावादी बनें।
कई लोग जो अवसाद का शिकार होते हैं, वे कुछ मीठा खाने के उपरांत अच्छा महसूस करते हैं।