यूं बचिए चेहरे के मुंहासों से

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Pimples
चेहरे पर मुंहासों का होना किशोरावस्था की एक आम समस्या है। अगर चेहरे की सही देखभाल न की जाए तो चेहरे पर स्थायी दाग बनने का खतरा बना रहता है। चेहरे पर मुंहासे होने पर जरा भी असावधानी नहीं बरतनी चाहिए।
आम लोगों की विचारधारा होती है कि यौवनकाल के दौरान चेहरे पर मुंहासे होना स्वाभाविक होता है जो कुछ दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि मुंहासे यौवन का दूसरा नाम होता है और कुछ ऐसा मानते हैं कि मुंहासे यौवन के उन्माद के प्रतीक होते हैं जो यौनेच्छा को चेहरे के माध्यम से व्यक्त करते हैं।
किशोरावस्था से यौवनावधि तक शारीरिक परिवर्तनों और ग्रंथियों के अधिक सक्रिय होने से शरीर की तैलीय ग्रंथियां अधिक चिकनाई छोड़ने लगती हैं जिससे त्वचा के रोमछिद्र बंद हो जाते हैं और इनमें मैल भर जाने से कील बन जाते हैं। यही मैल फूल कर मुंहासों में बदल जाती है।
मुंहासे निकलने के अन्य कारण भी होते हैं। बालों में रूसी होने से खुजलाते समय यह चेहरे पर झड़ती है जिससे चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं जो बाद में मुंहासों का रूप धारण कर लेते हैं। इसी कारण बालों में रूसी हो तो सिर धोते समय बालों से गिरने वाले पानी को चेहरे पर कतई न पड़ने दें।
चाय, काफी, अंडा, मिर्च-मसाले आदि के अत्यधिक सेवन से भी चेहरे पर मुंहासे निकल आते हैं। मनोचिकित्सकों का कहना है कि कभी-कभी अधिक चिंता के कारण भी अक्सर चेहरे पर मुंहासे हो जाते हैं। कब्ज रहने तथा युवतियों को मासिक धर्म की अनियमितता के कारण भी मुंहासे निकल आते हैं।
अत्यधिक काम (सेक्स) भाव के प्रवाह के कारण भी मुंहासों का प्रकोप होता है। सेक्सगत भावों के उदय होते ही हारमोनों का रिसाव होना शुरू हो जाता है। जब यह रिसाव वीर्य-रज के माध्यम से शरीर से निष्कासित नहीं हो पाता है तो मुंहासों के रूप में चेहरे पर उदित हो जाता है।
मुंहासे होने पर अक्सर खुजली होने लगती है जिस कारण युवतियां मुंहासों को खुजला कर नोंच देती हैं और नाखून लगने से कई बार इनमें मवाद भर जाता है। इस तरह मुंहासे सूख तो जाते हैं लेकिन अपने दागों से चेहरे की त्वचा को हमेशा के लिए दूषित कर देते हैं। यूं तो एक्ने भी मुंहासों से मिलते-जुलते होते हैं लेकिन मुंहासों को दबाने से कील निकलती है जबकि एक्ने को दबाने से मवाद निकलता है। एक्ने होने पर तुरंत किसी चर्म रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।
अगर मुहांसों के उपचार के लिए किसी सौंदर्य विशेषज्ञा की सहायता ले रही हों तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ब्लैकहेड्स निकालने से पहले कीटाणु रहित उपकरण का ही प्रयोग हो। ऐसा नहीं होने से इन्फेक्शन हो जाता है।
मुंहासे अधिकतर तैलीय त्वचा पर ही होते हैं। ऐसी त्वचा को नीम या सल्फर के साबुन से धोते रहना चाहिए। चेहरे पर भाप लगने से त्वचा के रोमकूप खुल जाते हैं और त्वचा के अंदर का मैल, ब्लैक हेड्स के रूप में बाहर आ जाता है। रात को सोने से पहले चेहरे पर भाप लेनी चाहिए जिससे त्वचा के खुले रोम छिद्र नींद में सोते समय पुनः बंद न हो जाएं। चेहरे पर भाप लेने के लिए विशेष प्रकार का भाप तैयार करने वाला विद्युत चालित यंत्रा मिलता है, अथवा घर में स्वयं पतीले में पानी उबालकर चेहरे पर भाप ली जा सकती है।
चेहरे पर मुंहासे होने पर फाउंडेशन क्रीम या काम्पैक्ट पाउडर न लगाएं, क्योंकि इनके कण प्रायः त्वचा के रोमकूपों में भर जाते हैं और इससे और अधिक मुंहासे होने लगते हैं। अगर चेहरे की चमक-दमक बनाए रखने के लिए श्रंृगार करना आवश्यक ही हो तो केवल कैलामाइन लोशन ही लगाया जाना चाहिए। मुंहासों के उपचार के लिए इन उपायों को अपनाना चाहिए।
आधे गिलास पानी में थोड़ा-सा गाजर का रस, आधे नींबू का रस और एक चम्मच चीनी घोलकर नित्य पीने से मुंहासे नहीं होते।
प्रातः एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच शहद और एक नींबू का रस निचोड़ कर खाली पेट पिएं।
सप्ताह में दो बार बेसन में नारियल तेल मिलाकर चेहरे पर मलकर सूख जाने के बाद गुनगुने पानी से धो लेने पर मुंहासे नहीं होते।
त सप्ताह में तीन बार पुदीने के रस को चेहरे पर लगाकर दस मिनट के बाद पानी से धो डालें। मुंहासे नहीं होंगे। 
 

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