हैदराबाद, नौ मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि ऐसे समय में जब भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की आकांक्षा रखता है, देश अपनी युवा पीढ़ी की ऊर्जा को मधुमेह, मोटापे और अन्य बीमारियों के कारण बर्बाद नहीं होने दे सकता।
उन्होंने कहा कि ये तीनों समस्याएं महामारी के रूप में फैल रही हैं।
उन्होंने यहां ‘डायबिटीज इन प्रेगनेंसी स्ट्डी ग्रुप ऑफ इंडिया’ (डीआईपीएसआई) के वार्षिक सम्मेलन के इतर पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोटापे के खतरे के बारे में कई बार बात की है।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सिंह ने कहा, “आज के विषय की प्रासंगिकता यह है कि भारत में मधुमेह महामारी की तरह फैल रहा है और ठीक इसी तरह मोटापा भी। ये सभी चयापचय (मेटाबॉलिज्म) संबंधी विकार हैं। हर तीसरे भारतीय को फैटी लीवर (यकृत में सूजन) है।”
सिंह ने कहा कि भारत, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और पहले पायदान पर पहुंचने का लक्ष्य रखता है।
उन्होंने कहा कि देश की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी 40 वर्ष से कम आयु की है।
उन्होंने कहा कि 2047 के भारत के निर्मात, आज की वह पीढ़ी है, जो उस वर्ष तक अपनी ऊर्जा और विशेषज्ञता के शिखर पर पहुंचने के लिए आगे बढ़ रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बचपन में मोटापे के परिणामों के बारे में भी बात की।
सिंह ने मोटापे और मधुमेह के खिलाफ जागरूकता फैलाने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि गर्भावस्था में मधुमेह की रोकथाम इसके बढ़ते बोझ को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
सिंह ने मधुमेह के तेजी से प्रसार को रोकने के लिए विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं में मधुमेह की शुरुआती जांच की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया।