भारत में गर्मी बढ़ने से बढ़ रहा डेंगू का खतरा, 15 वर्षों में भारत का तापमान 7 डिग्री तक बढ़ा

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ठंड का मौसम लगभग विदा ले चुका है। हां, बीच-बीच में उसका पलटवार जारी है। होली तक तो ठंड की विदाई तय है। रोजाना बढ़ रहे तापमान से इसके संकेत भी नजर आ रहे हैं। मौसमों का चक्र चलता रहता है, इसमें चिंता की बात नहीं। असल चिंता इससे हमारी सेहत पर पड़ना वाला असर है। तापमान बढ़ने के साथ ही मच्छरों की तादाद भी बढ़ रही है जो डेंगू और मलेरिया का प्रमुख कारण है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र के मुताबिक भारत में बीते कुछ सालों में डेंगू के मामले बढ़े हैं। यह हमारे लिए चिंता की बात है।

 

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक 2024 में पूरी दुनिया में 1.4 करोड़ से ज्यादा डेगूं के मामले दर्ज किए गए और इनमें से 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। डेंगू केसेज की असल संख्या रजिस्टर हुए केसेज की संख्या से कहीं ज्यादा है क्योंकि बहुत से लोग इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाते। अनुमान है कि पूरी दुनिया में हर साल लगभग 40 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं। साइंस जर्नल ‘नेचर’ के अनुसार तापमान बढ़ने से डेंगू के मामले भी बढ़ते हैं। भारतीय मौसम विभाग  के मुताबिक पिछले 10-15 वर्षों में भारत के तापमान में 5-7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। इसका मतलब है कि भारत में भी डेंगू का जोखिम बढ़ रहा है।

पूरी दुनिया में बढ़ रहा डंक का दंश, एशिया भी अछूता नहीं


यूरोपियन सेंटर फार डिजीज प्रिवेंशन वेबसाइट के अनुसार 31 दिसंबर 2024 को प्रकाशित देश रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश में, कुल मिलाकर, 2024 में डेंगू के मामलों और मौतों की कुल संख्या 2023 में इसी अवधि के लिए रिपोर्ट की गई संख्या की तुलना में कम स्तर पर बनी रहेगी (31 दिसंबर तक 2024 में 101 214 मामले और 575 मौतें, जबकि 31 दिसंबर 2023 तक 321 179 मामले और 1 705 मौतें)। 16 जनवरी 2025 को प्रकाशित देश रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अब तक, कुल मिलाकर, 2025 में डेंगू के मामलों और मौतों की कुल संख्या 2024 में इसी अवधि की तुलना में अधिक है (2025 के पहले दो हफ्तों में 828 मामले और 8 मौतें बनाम 2024 के पहले दो हफ्तों में 670 मामले और 7 मौतें)। भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, 31 अक्टूबर 2024 तक भारत में 186567 मामले और 160 मौतें दर्ज की गई हैं। डब्ल्यूपीआरओ डेंगू स्थिति अपडेट के अनुसार कंबोडिया और लाओस में, 2024 में डेंगू के मामले और मौतें 2023 में रिपोर्ट की गई संख्या से कम थीं।

 

मलेशिया में अलग-अलग रुझान देखे गए हैं, जहाँ मामलों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कम है, लेकिन मौतों की संख्या अधिक है (2024 में कुल 122 423 मामले, 2024 में 117 मौतें) और सिंगापुर, जहाँ मामलों की संख्या 2023 की तुलना में अधिक है (2024 में 13 655 मामले)। चीन में अक्टूबर 2024 तक मामलों की मासिक संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। कुल मिलाकर, 2024 में और नवंबर के अंत तक देश में 23 888 मामले दर्ज किए गए और कोई मौत नहीं हुई। वियतनाम में 2024 के दौरान मामलों की घटती संख्या दर्ज की गई जो 2023 के स्तर से नीचे है (2024 में 26 मौतों सहित कुल 138 342 मामले दर्ज किए गए हैं)

डेंगू गंभीर बीमारी, प्लेटलेट्स की नियमित मॉनिटरिंग बहुत जरूरी

डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो डेंगू वायरस के कारण होता है। यह संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 3-10 दिन बाद दिखते हैं। इसमें सबसे पहले सिरदर्द के साथ तेज बुखार होता है। डेंगू के बुखार को ब्रेक बोन फीवर भी कहते हैं क्योंकि इसमें बुखार के साथ मसल्स, सिर और जोड़ों में तेज दर्द होता है। बुखार के साथ शरीर में लाल रंग के चकत्ते इसका बड़ा संकेत है। डेंगू वेक्टर बोन डिजीज है। इसे फैलाने वाले एडीस मच्छर दिन में ज्यादा एक्टिव रहते हैं। उसमें भी खासतौर पर सुबह और शाम को ज्यादा सक्रिय होते हैं। अगर कोई व्यक्ति डेंगू से संक्रमित है और एडीस मच्छर उसे काटता है तो यह मच्छर संक्रमित हो जाता है। फिर यह संक्रमित मच्छर जब किसी अन्य व्यक्ति को काटता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है।

 

डेंगू का कोई खास इलाज नहीं है। इसके लिए कोई एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। इसके ट्रीटमेंट में बुखार और दर्द के लक्षण कम करने के लिए दवा दी जाती है और देखभाल की जाती है। इससे ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं। डेंगू के इलाज के दौरान प्लेटलेट्स की नियमित मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है क्योंकि डेंगू बुखार होने पर ब्लड में प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं। प्लेटलेट्स की संख्या 40 हजार से कम होना खतरे का संकेत है। बहुत कम होने पर ब्लीडिंग शुरू हो सकती है और पेशेंट की मौत हो सकती है। डेंगू के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर दिन में दो बार प्लेटलेट्स काउंट चेक किया जाता है। इनकी संख्या 40 हजार से कम होने पर तुरंत प्लेटलेट्स चढ़ाए जाते हैं।
 

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