नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीयों को 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
काम के घंटों पर चल रही बहस में शामिल होते हुए भारत के जी-20 शेरपा ने कहा कि जापान, दक्षिण कोरिया और चीन ने मजबूत कार्य नीति के जरिए आर्थिक सफलता हासिल की है।
उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को विश्व स्तरीय अर्थव्यवस्था बनाने के लिए इसी तरह की मानसिकता विकसित करनी चाहिए।
कांत ने बिजनेस स्टैंडर्ड के ‘मंथन शिखर सम्मेलन’ में कहा, ”मैं कड़ी मेहनत में दृढ़ता से विश्वास करता हूं। भारतीयों को कड़ी मेहनत करनी चाहिए, चाहे वह सप्ताह में 80 घंटे हों या 90 घंटे। अगर आपकी महत्वाकांक्षा 4,000 अरब डॉलर से 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की है, तो आप इसे मनोरंजन या कुछ फिल्मी सितारों के विचारों का अनुसरण करके नहीं हासिल कर सकते।”
इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार लगभग 4,000 अरब डॉलर का है।
उन्होंने कहा, ”कड़ी मेहनत न करने की बात करना फैशन बन गया है। भारत को समय से पहले, विश्व स्तरीय उत्कृष्टता के साथ परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।”
कांत ने कहा कि अनुशासित कार्य योजना के भीतर व्यक्तिगत भलाई के लिए पर्याप्त समय है।
उन्होंने कहा कि भारतीयों को समय और लागत में वृद्धि के बिना विश्व स्तरीय उत्कृष्टता के साथ परियोजनाओं को पूरा करने की कला सीखनी चाहिए।