भारत और अमेरिका बाजार पहुंच बढ़ाएंगे, शुल्कों व गैर-शुल्क बाधाओं को कम करेंगे: सरकार

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नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि भारत और अमेरिका प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते में बाजार पहुंच बढ़ाने, आयात शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने तथा आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण को बढ़ाने पर विचार करेंगे।

वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि आज की तारीख तक अमेरिका ने भारत पर जवाबी शुल्क नहीं लगाया है।

उन्होंने कहा कि सरकार परस्पर लाभकारी एवं निष्पक्ष तरीके से द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को प्रगाढ़ और विस्तारित करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखे हुए है।

प्रसाद ने कहा, ‘‘दोनों देश पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने की योजना बना रहे हैं। दोनों देश बाजार पहुंच बढ़ाने, शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने, आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण को बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार मुद्दों को हल करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’’

अमेरिका ने 13 फरवरी को व्यापार और शुल्क पर एक ज्ञापन जारी किया है, जिसमें (अमेरिकी) वाणिज्य मंत्री और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि को व्यापारिक साझेदारों द्वारा अपनाए गए किसी भी व्यापार समझौते से अमेरिका को होने वाले नुकसान का पता लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है। साथ ही, प्रत्येक व्यापारिक साझेदार के लिए प्रस्तावित उपायों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रदान करने को कहा गया है जिसके आधार पर संबंधित देश के विरुद्ध अमेरिका कार्रवाई कर सकेगा।

कृषि उत्पादों पर शुल्क से जुड़े एक अलग सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) 2023 के अनुसार, भारत की सामान्य औसत शुल्क दर 17 प्रतिशत है, जिसमें सामान्य औसत कृषि शुल्क (जिसमें कपड़ा शामिल है) 39 प्रतिशत और औद्योगिक वस्तुओं के मामले में 2023 के लिए 13.5 प्रतिशत है।

केंद्रीय बजट 2025-26 के बाद, सामान्य औसत औद्योगिक शुल्क घटकर 10.66 प्रतिशत हो गया है।

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