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पुणे, तीन मार्च (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों में ‘‘वृद्धि’’ के लिए सोमवार को महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की और कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को ऐसे मामलों की पीड़िताओं के प्रति अधिक संवेदनशील रुख अपनाना चाहिए।
सुले महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के स्वारगेट डिपो का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बात कर रही थीं, जहां 25 फरवरी की सुबह 26 वर्षीय एक महिला के साथ खड़ी बस के अंदर बलात्कार किया गया था। हिस्ट्रीशीटर दत्तात्रेय रामदास गाडे (37) को 27 फरवरी को मामले में हिरासत में लेने के बाद 12 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध समेत अन्य अपराध पिछले कुछ महीनों में बढ़े हैं। आज एक पुलिस अधिकारी पर चाकू से हमला किया गया। केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की बेटी के साथ (जलगांव के मुक्ताईनगर में) कल सामने आई घटना (पीछा करने और परेशान करने) चौंकाने वाली है।’’
सोमवार को यहां खेड तहसील के चिंचोशी गांव में एक पुलिस उपायुक्त और एक सहायक निरीक्षक घायल हो गए, जब दो हथियारबंद डकैतों ने उन पर हमला कर दिया। वे यहां डकैती के एक मामले में उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रहे थे।
राज्य के मंत्री योगेश कदम की टिप्पणी पर सुले ने कहा कि मामले में असंवेदनशील रुख अपनाया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपने मंत्रियों को संवेदनशीलता दिखाने की सलाह देने का आग्रह किया।
कदम ने घटना की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए कहा था कि पुणे बस बलात्कार की घटना के बारे में किसी को पता नहीं चला क्योंकि अपराध के दौरान कोई ‘‘बल प्रयोग या शोर नहीं हुआ।
कदम की टिप्पणियों पर, जिसकी कुछ लोगों ने निंदा की है, सुले ने कहा कि मामले को “एक अलग दिशा में ले जाना” दुर्भाग्यपूर्ण है।
बारामती से सांसद सुले ने कहा, ‘‘पूरा महाराष्ट्र पीड़िता के साथ मजबूती से खड़ा है। अगर कोई उसके बारे में सवाल उठाने की कोशिश करता है, तो हम ऐसे लोगों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
सुले ने कहा, “बदलापुर मामले (जहां एक स्कूल कर्मी द्वारा दो बच्चों से छेड़छाड़ की गई थी) के बाद भी मैंने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री (फडणवीस) से, जो गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे थे, त्वरित सुनवायी अदालत में मुकदमा चलाने का अनुरोध किया था। इस मामले (पुणे बस बलात्कार) को भी त्वरित सुनवायी अदालत में चलाया जाना चाहिए और आरोपी को सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए।’’
सुले ने कहा कि वह इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए फडणवीस से मिलने का समय मांग रही थीं। उन्होंने कहा, “हम इन सभी मामलों में राजनीति नहीं लाना चाहते। हम चाहते हैं कि सरकार इन मामलों के प्रति अधिक सहानुभूतिपूर्ण और निष्पक्ष हो।”
दिसंबर में बीड के सरपंच संतोष देशमुख के अपहरण और हत्या पर उन्होंने कहा कि एक प्रमुख आरोपी को अभी भी गिरफ्तार किया जाना है।
विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सदस्यों द्वारा मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग के बावजूद, जिनके प्रमुख सहयोगी वाल्मिक कराड देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली मामले में आरोपी हैं, सुले ने कहा कि फडणवीस सरकार टालमटोल कर रही है।
मुंडे की आलोचना करते हुए सुले ने कहा कि वह व्यक्ति ‘‘घरेलू हिंसा, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार में लिप्त है।’’
मुंडे पर निशाना साधते हुए सुले ने कहा, ‘‘ घरेलू हिंसा के आरोपों का सामना करने के बावजूद कैबिनेट में बने रहने वाले व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।’’