खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी से 2024-25 में छोटी कंपनियों का सूचकांक आठ प्रतिशत चढ़ा

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नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) घरेलू शेयर बाजार में छोटी कंपनियों ने इस महीने मजबूत उछाल के बीच वित्त वर्ष 2024-25 को सकारात्मक रुख पर समाप्त किया। यह शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर आशावादी रुख, खुदरा निवेशकों की प्रभावशाली भागीदारी और बेहतर मूल्यांकन से प्रेरित रहा।

वित्त वर्ष 2024-25 में बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 3,471.79 अंक या आठ प्रतिशत उछला, जबकि मिडकैप 2,209 अंक या 5.61 प्रतिशत चढ़ा।

इसकी तुलना में, बीएसई सेंसेक्स समूचे वित्त वर्ष 2024-25 में 3,763.57 अंक या 5.10 प्रतिशत चढ़ा।

लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक सतीश चंद्र अलूरी ने कहा, ‘‘ सूचकांकों ने अक्टूबर-फरवरी से रिकॉर्ड लगातार पांच महीने गिरावट के बाद मार्च में मजबूत उछाल के साथ वित्त वर्ष 2024-25 को सकारात्मक रुख पर समाप्त किया। छोटी कंपनियों ने बड़ी कंपनियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया।’’

हाईब्रो सिक्योरिटीज के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक तरुण सिंह ने कहा, ‘‘ भारतीय शेयर बाजारों ने वित्त वर्ष 2024-25 में मजबूत प्रदर्शन किया, जिससे वैश्विक चुनौतियों के बावजूद संतुलन बना रहा। मजबूत चुनावी जनादेश ने बाजार के भरोसे को बढ़ाया है, जिससे नीतियों की निरंतरता सुनिश्चित हुई है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘ हालांकि, सेंसेक्स में साल भर में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी उत्साहजनक नहीं रही..’’

विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार में तेजी के दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप खंड अपने बड़े समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक पलका अरोड़ा चोपड़ा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हालांकि, जब पिछली कुछ तिमाहियों में कंपनियों के उम्मीद से कमजोर नतीजे आए तो बाजार ऊंचे मूल्य स्तर को बरकरार नहीं रख सका, जिससे बाजार में सुधार हुआ। अमेरिकी प्रशासन के शुल्क की चेतावनी ने बाजार को और प्रभावित किया। बढ़े हुए मूल्यांकन तथा धीमी आय वृद्धि के बीच का अंतर बाजार के दोहरे अंक में ‘रिटर्न’ देने में असमर्थता का मुख्य कारण बन गया।’’

बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक पिछले साल 12 दिसंबर को 57,827.69 के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था, जबकि मिडकैप 24 सितंबर, 2024 को 49,701.15 के रिकॉर्ड शिखर पर पहुंचा था।

वहीं सेंसेक्स पिछले वर्ष 27 सितंबर को 85,978.25 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था।

विश्लेषकों के अनुसार, छोटी कंपनियों के शेयर आमतौर पर स्थानीय निवेशकों द्वारा खरीदे जाते हैं, जबकि विदेशी निवेशक बड़ी कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2023-24 में बीएसई मिडकैप सूचकांक में 15,013.95 अंक यानी 62.38 प्रतिशत का उछाल आया जबकि स्मॉलकैप 16,068.99 अंक यानी 59.60 प्रतिशत चढ़ा था। वहीं, बीएसई सेंसेक्स ने 14,659.83 अंक यानी 24.85 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की थी।

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