कभी-कभी आपने किसी बहन को कहते सुना होगा कि क्या करूं, मेरे हाथ का अचार तो ठहरता ही नहीं, बहुत जल्दी खराब हो जाता है मगर सच्चाई यह है कि किसी के हाथ में कोई विकार नहीं होता। केवल निम्न सावधानियां अचार डालते समय और बाद में भी बरतनी चाहिए: जिस भी फल या सब्जी का अचार डालना हो, वह फ्रेश और अच्छी हालत में हो। जिस जार में अचार डालना हो, उसे गरम पानी से भली प्रकार धो कर सूखे कपड़े से पोंछें और कुछ देर पंखे के नीचे रखें। फिर सिरके में कपड़ा भिगो कर जार में सब ओर चुपड़ दें। जार कांच का हो तो बेहतर है। उसमें से आपको दिखता रहेगा कि कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं है। प्लास्टिक के जार का प्रयोग न करें क्योंकि उससे रिएक्शन हो सकता है। अचार को धूप दिखाने के बाद शाम को अंदर अवश्य रखें वरना दिन भर की प्राप्त हुई सौर ऊर्जा रात की ठंडक से बेकार हो जाएगी। मीठी चटनी या मुरब्बा आदि को खुला रख कर ही ठंडा होने दें क्योंकि भाप से ढक्कन पर बनी बूंदें उन्हें खराब कर सकती हैं। सभी मसाले साफ करके पहले से तैयार रखें। उन्हें कड़ाही में हल्का सा भून लें। इससे नमी होने की संभावना नहीं रहती। तेल खूब गरम करने के बाद बिल्कुल ठंडा करके ही डालें। अचार तेल में डूबा रहना चाहिए। उसे दबादबा कर जार में भरें। सूखे चम्मच से ही अचार निकालें। थोड़ा अचार किसी छोटी शीशी में निकाल कर रखें। बार-बार जार को नहीं खोलना चाहिए। बच्चांे को अचार न निकालने दें क्योंकि वे जार में गीला व जूठा चम्मच डाल सकते हैं। अचार में नमक भी थोड़ा गरम करके (सूखे तवे पर भून कर) डालंे। इससे नमी से बचाव होगा। 3 हिस्से साधारण नमक व 1 हिस्सा काला नमक डालने से अचार का स्वाद बढ़ जाएगा। तुरंत खाने वाला अचार बनाने के लिए इमली को सिरके में भिगो दें। फिर मसल कर गूदा निकालंे और फिर उसे अचार में मिलाएं। इससे अचार अगले दिन तक खाने लायक हो जाता है। मीठी अचारी चटनियां बनाने के लिए चीनी की जगह गुड़ का प्रयोग ज्यादा अच्छा रहता है क्योंकि गुड़ में पौष्टिक गुण अधिक होते हैं। गुड़ वाले अचार या चटनी में सफेद सिरका व चीनी वाले में ब्राउन सिरका डालंें। इससे रंग अच्छा आएगा। पुराने जैम को मीठी चटनियों में इस्तेमाल करें। आम, पाइनएपल व मिक्सफ्रूट जैम किसी भी चटनी में डाले जा सकते हैं।