नाईट शिफ्ट, बीमारी गिफ्ट, कैसे बचें

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प्रकृति ने मानव शरीर की रचना कुछ इस तरह से तैयार की है कि वह हर वक्त और मुसीबत के समय खुद को स्थिति के हिसाब से ढाल सकता है, लेकिन इसके लिए यह भी जरूरी है कि जिस नई स्थिति में शरीर खुद को ढाल रहा हो, उसमें उसे आराम भी मिले। नाइट शिफ्ट में काम करने वाले अधिकांश लोग इसी बात में चूक जाते हैं जिसका खामियाजा उन्हें अपनी सेहत को परेशानी में डाल कर चुकता करना पड़ता है।
मानव शरीर की कार्यप्रणाली लगभग एक तरह से मशीन के जैसी होती है। इस मशीन का हर पुर्जा प्रकृति ने एक तयशुदा प्लानिंग के हिसाब फिट किया है और हर पुर्जे का अपना महत्व, कार्य और काम करने का निश्चित तरीका है।
हमारा शरीर दिन में काम करने और रात में सोने के हिसाब से बना होता है। यही प्रक्रिया बाडी क्लाक कहलाती है। भूख, प्यास, नींद तथा अन्य दैनिक क्रियाएं इसी तरह से संचालित होती हैं और इसे लय में बनाए रखने के लिए हमें नियमित रूटीन, पौष्टिक खान-पान तथा व्यायाम को अपनाने की जरूरत होती है।
अब ऐसे में जब रात को देर तक काम करने या नाइट शिफ्ट करने का समय आता है तो शरीर को अपनी कार्यप्रणाली को एकदम से पूरी तरह बदलने की नौबत आ जाती है। यह बदलाव केवल नींद तक सीमित नहीं होता बल्कि भूख, प्यास से लेकर पूरी शरीर के हर कल-पुर्जे पर लागू होता है और ध्यान न दिए जाने पर इससे कई सारी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
नाइट शिफ्ट में काम करने वालों को अक्सर यह आभास होता है कि वो कुछ ही दिनों में नए रूटीन में खुद को ढाल लेंगे और इससे उनके शरीर को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा जबकि होता यह है कि यदि बिना तैयारी और सही तरीके से कोई भी बार-बार अपना रूटीन बदलता है तो उसके कारण शरीर की प्राकृतिक घड़ी को एकदम से झटका लगता है। धीरे-धीरे शरीर पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
यदि शरीर की इस पुकार को भी अनसुना कर दिया जाए तो कमरदर्द, जोड़ों के दर्द, पेट की समस्याएं, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, अनिद्रा से लेकर हृदय रोग, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप आदि के साथ ही डिप्रेशन व तनाव जैसी स्थितियां भी पनप सकती हैं।
सबसे पहले अपनी नींद पर फोकस करें। यदि रात की शिफ्ट में काम करना है तो नींद का कोटा दिन में पूरा करें और शरीर को पावर नैप के लिए भी तैयार करें। इससे जब भी मौका मिलेगा, आप आधे घंटे की झपकी में भी तरोताजा हो सकेंगे। किसी भी हालत में नींद से समझौता न करें। औसतन एक इंसान को 7-8 घंटे की नींद चाहिए होती है। बस इसी हिसाब से अपना रूटीन तय करें।
रात की शिफ्ट में काम करने वालों को अपना डिनर टाइम जल्दी का रखना चाहिए। हो सके तो शाम 6.30 से 7.30 का समय डिनर का रखें। यदि आप सुबह देर से भी उठते हैं तो भी ब्रेकफास्ट का समय जरूर रखें और इसमें फल, सीरियल्स, दलिया, दूध, अंडे, ओट्स जैसी चीजें शामिल करें। पराठा-पूरी खाने की आदत हो तो कम तेल या घी का उपयोग करें और दो पतले पराठे या चार पूरी से ज्यादा एक बार में न खाएं। यदि आप ब्रेकफास्ट में भी चपाती-सब्जी खाते हैं तो इसे भी दो चपाती पर ही कायम रखें।
ब्रेकफास्ट के बाद लंच कम से कम चार घंटे बाद करें। यदि आप चार घंटे और ब्रेकफास्ट-लंच-डिनर को भी निभा नहीं सकते तो अपने भोजन को टुकड़ों में और अंतराल को दो-दो घंटे में बांट लें और देर रात को भोजन अवाइड करें, विशेष तौर पर गरिष्ठ भोजन। बेवजह तली-गली चीजें या बिस्किट आदि खाते रहने से भी बचें। भरपूर पानी पिएं। आप चाहें तो अपनी शिफ्ट के लिहाज से किसी डाइटीशियन से भी भोजन कैसे करना है, इसकी सलाह ले सकते हैं।
व्यायाम को अपने जीवन का अंग बनाएं। चाहे दफ्तर में हों या घर में, कम से कम आधा घंटे व्यायाम जरूर करें। अगर आपकी नाइट शिफ्ट पूरे समय बैठे रहकर काम करने की है तो एक निश्चित समय पर अपनी जगह से उठकर थोड़ा चलें जरूर। यदि आप कंप्यूटर पर लम्बे समय तक काम करते हैं तो आंखों, गर्दन और हाथों के व्यायाम के साथ ही मानीटर को सही तरीके से सेट करने और पलकों को समय-समय पर झपकाने के बारे में भी ध्यान रखें।
आज के इस आधुनिक दौर में हर कोई तेजी से तरक्की करना चाहता है भले ही उसके लिए उसे दिन-रात कितनी भी मेहनत क्यों न करनी पड़े। एक समय ऐसा भी था जब लोग सिर्फ दिन में ही दफ्तर का काम किया करते थे लेकिन बदलते वक्त के साथ लोगों की जरूरतें भी बढ़ती गई और इसके साथ ही कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का लालच भी बढ़ने लगा।
आजकल ज्यादातर कंपनियों में रात-दिन काम होता है। ऐसे में उन कंपनियों में काम करनेवाले कर्मचारियों को दिन और रात की शिफ्ट में काम करना पड़ता है लेकिन नाइट शिफ्ट में काम करनेवाले लोग अक्सर अवसाद, मोटापा, एसिडिटी और थकान जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। ऐसे में नाइट शिफ्ट में काम करने वालों को खास डायट प्लान फालो करना चाहिए ताकि वो खुद को फिट और हेल्दी रख सकें।
अगर आप नाइट शिफ्ट में काम करते हैं तो आपको रात में भारी खाना खाने से बचना चाहिए। आपको रात के समय नानवेज, जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक और ज्यादा चाय पीने से परहेज करना चाहिए।
रात के वक्त ज्यादा से ज्यादा सलाद का सेवन करना चाहिए क्योंकि इससे पेट तो भरता ही है साथ ही गैस और एसिडिटी की समस्या नहीं होती है और शरीर का वजन भी नियंत्रित रहता है।
नाइट शिफ्ट में काम के दौरान दही या छाछ का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद गुड़ बैक्टीरिया पेट की समस्या से बचाते हैं और शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करते हैं।
 भुने हुए चने खाने से एसिडिटी की समस्या नहीं होती है। इससे ज्यादा देर तक पेट भी भरा रहता है और शरीर का वजन भी नहीं बढ़ता है।
 दलिये को ठंडे दूध में मिलाकर खाने से  नाइट शिफ्ट में काम के दौरान बार-बार भूख नहीं लगती है, साथ ही इससे एनर्जी भी मिलती है।
आप चाहें तो रात के वक्त काम करने के दौरान नींबू पानी भी पी सकते हैं। इससे हमारे शरीर को एनर्जी और ताजगी मिलती है। यह शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है।
 नाइट शिफ्ट में काम करनेवालों की सेहत के लिए ताजा और बगैर चीनी का जूस या शेक काफी फायदेमंद रहता है। इसकी वजह से शरीर को एनर्जी और फ्रेशनेस मिलती है।
ब्लैक काफी न सिर्फ रात में काम करने के दौरान नींद को दूर रखने में मदद करती है बल्कि इससे शरीर में सुस्ती और थकान भी नहीं आती लेकिन आपको एक या दो कप से ज्यादा ब्लैक काफी का सेवन नहीं करना चाहिए।
अपनी डायट का ख्याल रखकर आप नाइट शिफ्ट में काम करने के बावजूद भी खुद को स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रख सकते हैं।

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