जमशेदपुर, तीन मार्च (भाषा) झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सोमवार को राज्य सरकार द्वारा पेश बजट को ‘‘दिशाहीन’’ करार दिया और कहा कि इसमें आदिवासियों, किसानों, मजदूरों और युवाओं के लिए कुछ भी नहीं है।
राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जबकि 2024-25 में यह 1.28 लाख करोड़ रुपये का था।
चंपई सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह एक दिशाहीन बजट है, जिसमें राज्य के आदिवासियों, मूलवासियों, किसानों, मजदूरों एवं युवाओं के लिए कुछ भी नहीं है। कहने को तो इसमें कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं, लेकिन पिछले कई वर्षों से हर बार वही कहानी कही जाती है, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकलता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कागज पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित कर रही इस सरकार को कोई याद दिलाये कि उन योजनाओं का क्रियान्वयन भी उनकी ही जिम्मेदारी है। पिछले बजटों की कितनी योजनाएं पूरी हुईं?
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि “अबुआ बजट” के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘जब राज्य में ग्रीन कार्ड के लाभुकों को राशन और वृद्ध/ दिव्यांग/ विधवा लोगों को कई महीनों से पेंशन तक नहीं मिलती हो, तो क्या उम्मीद रखें?’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘पेयजल, शिक्षा, चिकित्सा एवं रोजगार के क्षेत्र में सिर्फ हवा-हवाई घोषणाएं हो रही हैं। पेयजल की दर्जनों योजनाएं अधूरी हैं, जबकि लोग डोभे से पानी लेने को मजबूर हैं। अस्पतालों में दवाइयां नहीं हैं, खाट पर जा रहे मरीजों और अस्पतालों में अव्यवस्था की तस्वीरें आम हैं।’’
चंपई सोरेन ने कहा, ‘‘कुल मिला कर, यह बजट नहीं, एक ढोल है, जो ऊपर से तो बहुत बड़ा दिख रहा है, लेकिन अंदर से खोखला है।’’
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि बजट पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है तथा यह बजट ‘दूरदर्शी’ है और आम आदमी के हित को ध्यान में रखकर बनाया गया है।