जयपुर, 26 मार्च (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने बुधवार को कहा कि शिक्षा से विकास की राहें खुलती हैं और विकसित भारत के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
बागडे बुधवार को बीकानेर में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान परंपरा में श्रेष्ठतम रहा है एवं प्राचीन ज्ञान के आलोक में विद्यार्थी आधुनिक विकास के लिए कार्य करें। उन्होंने विकसित भारत के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्यपाल ने बीकानेर को सांख्य दर्शन के प्रणेता महर्षि कपिल की तपोभूमि बताते हुए कहा कि प्राचीन ज्ञान की धारा से आलोकित नई शिक्षा नीति के अंतर्गत युवा पीढ़ी भारत के गौरव से कैसे जुड़े, इस पर सभी स्तरों पर चिंतन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों ने शिक्षा अर्जित की है, वे इसका समुचित उपयोग देश के नवनिर्माण में करें।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं, (बल्कि) शुरुआत है। विद्यार्थी इस दौरान सीखे हुए ज्ञान का उपयोग भावी जीवन के निर्माण तथा समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए करें।’’
उन्होंने कहा कि सीखने की कोई आयु नहीं होती एवं पुस्तकें इसका सबसे बड़ा स्रोत होती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘नई शिक्षा नीति में कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह नीति रोजगार पाने की नहीं, रोजगार देने की मानसिकता से जुड़ी है। विद्यार्थी ऐसे हुनर सीखें, जिससे भविष्य में उन्हें किसी पर निर्भर नहीं रहना पडे़।’’
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं ‘आर्गेनाइजर’ के सम्पादक प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि विश्वविद्यालयों का दायित्व केवल विद्यार्थियों को पढ़ाना अथवा उपाधियां देना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में मानवता, सहिष्णुता, स्वीकार्यता, तर्कशक्ति पैदा करना तथा उन्हें वैचारिक विकास एवं सत्य की खोज के लिए प्रेरित करना है।