पाएं योगासन का पूरा लाभ

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नियमित योगासन से व्यक्ति अपने आपको लंबे समय तक चुस्त दुरुस्त बनाए रख सकता है। योग बीमारियों से बचे रहने का सबसे बेहतर उपाय है, लेकिन योगासन यूं ही नहीं किए जा सकते। योग कैसे करना चाहिए तथा इसे करने से पहले और बाद में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, यहां इस बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत हैंः-
 योगासन प्रातः काल शौचादि से निवृत्त होने के बाद करना चाहिए। यदि स्नान करने के बाद योगासन किया जाएं तो और भी अच्छा है क्योंकि स्नान से शरीर हल्का-फुल्का और स्फूर्तियुक्त बन जाता है। संध्याकाल में भोजन से पूर्व आसन किए जा सकते हैं।
 आसन करने की जगह समतल, स्वच्छ और शांत होनी चाहिए। भूमि पर मोटी दरी या कालीन आदि बिछाकर योगासन करें।
 आसन करते समय बातचीत न करें। यदि आसन एकाग्रता से किए जाएं तो शारीरिक और मानसिक लाभ अधिक होते हैं।
 अभ्यास करते समय घड़ी, चश्मा या आभूषण न पहनें।
 योगासन झटके के साथ या बलपूर्वक नहीं करें। इससे शरीर में पीड़ा हो सकती है।
 योगासन करते समय ढीले कपड़े पहनने चाहिए।
 जटिल रोगों में या अधिक ज्वर में आसन न करें। महिलाओं को गर्भधारण के चार महीनों के बाद, प्रसूति के तीन महीनों और मासिक धर्म के समय आसन नहीं करने चाहिए।
 आसनों की संख्या और उनकी अवधि धीरे-धीरे बढ़ानी चाहिए। पहले ही दिन अधिक आसन कर डालने का प्रयास करना ठीक नहीं है।
 यदि आसन करते समय शरीर के किसी भाग में अधिक दर्द होता हो तो उस आसन का अभ्यास तुरंत बंद कर दें।
 आसन करते समय व्यक्ति को यथासंभव हल्का भोजन करना चाहिए, ताकि शरीर हल्का-फुल्का रहे।
 योगासन करते समय शरीर को हवा का सीधा झोंका न लगे, यह ध्यान रखें। योगासन करते समय शरीर के किसी भी जोड़ को उसके कुदरती मोड़ के अनुसार ही मोड़ना चाहिए। कभी उलटे या तिरछे होने का प्रयत्न न करें। योगासन के अभ्यास के क्रम का भी ध्यान अवश्य रखें, फिर प्राणायाम  और अंत में ध्यान करें।

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