नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) करोड़ों रूपये का बैंक कर्ज लेकर विदेश भाग जाने वाले लोगों का ऋण माफ कर देने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी और ऐसे मामलों में 749.83 करोड़ रूपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने यह बात राज्यसभा में बैंककारी विधियां (संशोधन) विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में कही। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से पांच कानूनों में संशोधन किया जाएगा।
सीतारमण के जवाब के बाद उच्च सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 में बैंकों पर बहुत दबाव था और भारत को पांच कमजोर अर्थव्यवस्था में माना जाता था। उन्होंने कहा कि इसके बाद सरकार ने बैंक के हालात सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए।
सीतारमण ने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) सितंबर 2024 में 2.5 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गयी है। उन्होंने कहा कि बैंकों की हालत में काफी सुधार आया है।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में 1.41 लाख करोड़ रूपये का निवल लाभ कमाया जो अभी तक का सबसे बड़ा मुनाफा है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस वित्त वर्ष में बैंक और ऊंचाई छुएंगे।
जानबूझकर कुछ लोगों द्वारा ऋण का भुगतान नहीं करने और उनके विदेश भाग जाने के मामले में विपक्ष के कुछ सदस्यों द्वारा सरकार को घेरने की ओर संकेत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इन ऋणों को माफ नहीं किया है, बट्टे खाते (राइट ऑफ) में डाला है और उनकी वसूली के प्रयास जारी हैं।
उन्होंने कहा कि जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वालों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने करीब 22,280 करोड़ रूपये की संपत्ति बरामद कर, अदालत के आदेश पर उन्हें वैध दावेदारों को सफलतापूर्वक प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि लोगों का धन और संपत्ति लौटायी गयी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि ऋण लेकर भाग गये लोगों के मामले में 31 दिसंबर 2024 तक नौ लोगों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया तथा 749.83 करोड़ रूपये की संपत्ति जब्त की गयी। उन्होंने कहा कि कार्रवाई जारी है और सरकार किसी को बचने नहीं देगी।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक बैंकों के कामकाज में काफी सुधार आया है और उनका सकल एनपीए अनुपात दिसंबर 2024 में 2.85 प्रतिशत पर आ गया है जो मार्च 2018 में काफी ऊंचे स्तर 14.58 प्रतिशत पर पहुंच गया था।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्रत्यक्ष नकदीकरण की नीति के कारण सबसे ज्यादा फायदा छोटे किसानों को हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मनरेगा, किसान ऋण माफी योजना, खाद्य सुरक्षा योजना की बात करती है किंतु उनकी सरकार के शासनकाल में इन्हें लागू करने में बहुत भ्रष्टाचार हुआ करता था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इसे पूरी गंभीरता से लागू किया।