माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित करने वाली पंचायतों को दी जाएंगी सुविधाएं: शर्मा

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रायपुर, 21 मार्च (भाषा) छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में माओवादियों के आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने के लिए माओवाद प्रभावित क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने वाली एक नई पहल शुरू करेगी।

विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए, राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और माओवादी हिंसा के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी।

राज्य मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में स्वीकृत नई छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 के बारे में जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, ”आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को तीन साल तक मुफ्त आवास और भोजन की सुविधा मिलेगी और उन्हें प्रति माह 10 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण, भूमि, पीएम आवास योजना के तहत घर भी दिए जाएंगे।”

उन्होंने कहा कि नई नीति में वित्तीय सहायता सहित कई अन्य प्रावधान शामिल किए गए हैं।

शर्मा ने विश्वास जताया कि नई नीति के लागू होने के बाद नक्सलियों के आत्मसमर्पण में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंचायत विभाग के तहत एक और पहल ‘एलवद पंचायत अभियान’ भी शुरू करेगी, जिसके तहत अगर कोई ग्राम पंचायत अपने इलाके के नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने में मदद करती है और खुद को माओवादी मुक्त घोषित करने का प्रस्ताव पारित करती है, तो संबंधित पंचायत के लिए एक करोड़ रुपये के निर्माण कार्य स्वीकृत किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा उन पंचायतों में मोबाइल नेटवर्क और बिजली कनेक्टिविटी भी उपलब्ध कराई जाएगी। नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति उन लोगों के लिए भी है जो नक्सली हिंसा के शिकार हैं।

शर्मा ने कहा कि माओवादी खतरे के कारण जो लोग अपने गांव छोड़कर दूसरे स्थानों पर चले गए हैं, उन्हें भी नई नीति के तहत वित्तीय सहायता, जमीन और अन्य चीजों से लाभान्वित किया जाएगा। वीर बलिदानी योजना के तहत सरकार ने राज्य में नक्सली हिंसा में अपनी जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों की प्रतिमा स्थापित करने के लिए पंचायत विभाग के माध्यम से 10 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में 500-600 प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। भविष्य में राज्य में शहीद जवानों की सैकड़ों प्रतिमाएं उनके पैतृक गांवों में स्थापित की जाएंगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद जवानों के परिजनों की यह लंबे समय से मांग थी, जो अब पूरी होने जा रही है।

उन्होंने बृहस्पातिवार को बस्तर क्षेत्र में दो अभियानों के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की, जिसमें 30 नक्सली मारे गए।

उन्होंने इस कार्रवाई को नक्सल विरोधी अभियानों में एक बड़ी उपलब्धि बताया।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपनी सरकार की उपलब्धियों को विस्तार से बताते हुए शर्मा ने कहा कि बीजापुर शहर से जिले के सबसे दूरस्थ गांव पामेड़ तक बस सेवा शुरू हो गई है।

25 वर्षों तक पामेड़ केवल तेलंगाना के रास्ते 250 किलोमीटर की दूरी तय करके पहुंचा जा सकता था और बीजापुर जिला मुख्यालय से पामेड़ तक कोई सीधा संपर्क नहीं था।

अब सुरक्षा बलों के प्रयासों से पामेड़ बीजापुर से तर्रेम और कोंडापल्ली होते हुए 90 किलोमीटर की दूरी तय करके पहुंचा जा सकता है और इस मार्ग पर यात्रियों के लिए एक बस का संचालन शुरू किया गया है।

शर्मा ने बताया कि बस्तर क्षेत्र के अन्य दूरदराज के गांवों के लिए भी बस सेवा शुरू की गई है। गरपा, पुजारी कांकेर और कोंडापल्ली सहित कई दूरदराज के गांवों में साप्ताहिक बाजार, जो पिछले कई सालों से माओवादी गतिविधियों के कारण बंद थे, उन्हें फिर से खोल दिया गया है।

शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में कम से कम 577 नए मोबाइल टावर लगाए गए हैं।

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