नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा, “ए ग्लिम्प्स ऑफ माई लाइफ” का अंग्रेजी अनुवाद अप्रैल में उपलब्ध होगा। पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया (पीआरएचआई) ने सोमवार को घोषणा की।
मूलतः हिंदी में “निज जीवन की छटा” शीर्षक वाली यह पुस्तक बिस्मिल ने तब लिखी थी जब उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी।
इस पुस्तक में उस युवा और साहसी स्वतंत्रता सेनानी के जीवन का वर्णन है जो भारत को विदेशी शासन से मुक्त कराने के एकमात्र उद्देश्य के साथ जिए और मरे।
इसका अनुवाद भोपाल के अनुवादक और साहित्य आलोचक अवधेश त्रिपाठी ने किया है।
प्रकाशक द्वारा जारी विवरण में कहा गया है, “बिस्मिल ने न केवल अपने जीवन की झलकियां प्रस्तुत की हैं, बल्कि लिंग, जाति, वर्ग, सांप्रदायिकता, न्याय, राष्ट्र-निर्माण और क्रांतिकारी गतिविधियों के आकर्षण और नुकसान पर अपने विचार भी प्रस्तुत किए हैं। उनकी आत्मकथा के पाठकों को इनमें से कई विचार वर्तमान भारत में अत्यधिक प्रासंगिक लगेंगे।”
हिंदी लेखक, कवि और क्रांतिकारी बिस्मिल ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अपने क्रांतिकारी आंदोलन के लिए धन इकट्ठा करने हेतु 1925 में काकोरी ट्रेन डकैती में भाग लिया, जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 19 दिसंबर 1927 को स्वतंत्रता सेनानी अशफाकउल्ला खान और रोशन सिंह के साथ उन्हें फांसी दे दी गई।