पहले उप्र को ‘बीमारू’ राज्य माना जाता था, पर अब यह अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन बनकर उभरा है:योगी
Focus News 24 March 2025 0
लखनऊ, 24 मार्च (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि आठ वर्ष पहले उप्र को एक ‘बीमारू’ राज्य और देश के विकास में अवरोधक माना जाता था, लेकिन अब यही उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन बनकर उभरा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिस उप्र को आठ वर्ष पहले केवल एक श्रम शक्ति के रूप में लोग जानते थे वह अब अर्थ शक्ति के रूप में उभरा है।
योगी यहां लोक भवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) में अपनी सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर अपने दोनों उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी समेत अन्य सहयोगियों के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
कुछ वर्ष पहले चार राज्यों (बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश) के लिए ‘बीमारू’ शब्द का इस्तेमाल किया गया था जो कथित तौर पर आर्थिक विकास, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य मामलों में काफी पिछड़े थे।
योगी आदित्यनाथ ने 25 मार्च, 2022 को दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उनके नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ था। इसके पहले मार्च 2017 में योगी पहली बार उप्र के मुख्यमंत्री बने थे।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, ‘‘आठ वर्ष पहले जो उप्र ‘बीमारू’ राज्य माना जाता था, देश के विकास में अवरोधक माना जाता था, जिस उप्र को आठ वर्ष पहले केवल एक श्रम शक्ति के रूप में लोग जानते थे, आज वही उप्र आठ वर्ष बाद देश की अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन बनकर उभरा है।’’
उन्होंने कहा कि उप्र आठ वर्ष की इस यात्रा के दौरान देश के अंदर अर्थ पुंज और अर्थ शक्ति के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि आज उप्र हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरणादायी नेतृत्व में सेवा, सुरक्षा और सुशासन प्रदान करने वाली उप्र की ‘डबल इंजन’ सरकार (केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार) के आज आठ वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस अवसर पर भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अपने सभी सहयोगियों की ओर से मैं आप सबका इस विशेष संवाद में हृदय से स्वागत करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि वह प्रदेशवासियों को आठ वर्ष की इस शानदार यात्रा के लिए, जिसमें उप्र की 25 करोड़ जनता जनार्दन का व्यापक समर्थन और आशीर्वाद प्राप्त हुआ, हृदय से बधाई देते हैं।
इसके पहले उप्र सरकार की आठ वर्ष की यात्रा की एक फिल्म दिखाई गयी। योगी ने इसका उल्लेख करते हुए विकास के सिलसिलेवार आंकड़े गिनाये।
उन्होंने कहा कि उप्र में तीन दिवसीय विकास उत्सव के तहत 25, 26 और 27 मार्च को हर जिला मुख्यालय पर ‘डबल इंजन’ सरकार की विकास योजनाओं को लेकर जनता जनार्दन के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की जाएगी।
योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों की ओर संकेत करते हुए उप्र की बदहाली का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर लोग जानते हैं कि आठ वर्ष पहले उप्र की स्थिति क्या थी। उप्र की पहचान क्या थी। उप्र की अर्थव्यवस्था और आधारभूत ढांचा क्या था, यह किसी से छिपा नहीं है।”
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘यह वही उप्र है जिसके सामने पहचान का संकट था। यह वही उप्र है जहां किसान आत्महत्या करते थे। युवा पहचान के लिए मोहताज थे। व्यापारी असुरक्षित थे। यह वही उप्र है जिसने दंगों के कारण अपनी बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को देखा है, झेला है। अर्थव्यवस्था के तांडव को किस हद तक अव्यवस्थित कर दिया गया था, इन सभी बातों को उप्र ने देखा है।”
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘लेकिन प्रदेश वही, तंत्र वही, केवल सरकार बदलने से कैसे व्यापक परिवर्तन लाया जा सकता है, इन आठ वर्षों में जनता जनार्दन ने महसूस किया होगा। आठ वर्षों में भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से जो कार्यक्रम तय किये गये उनका प्रभावी क्रियान्वयन किस रूप में हुआ है, वह देखा जा सकता है।”
योगी ने कहा, ‘‘2017 से पहले कृषि क्षेत्र पूरी तरह उपेक्षित था। लेकिन आज व्यापक बदलाव हुए और कृषि विकास दर 13.5% से अधिक हो गई है,इससे प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 28% की बढोतरी हुई है। हमले कैबिनेट की पहली ही बैठक में 36 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी को मंजूरी दी थी।’’
उन्होंने कहा कि ‘पीएम किसान सम्मान योजना’ सहित हर योजना के तहत धनराशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से जा रही है,सिंचाई क्षेत्र में व्यापक बढोतरी हुई,वर्षो से सिंचाई परीयोजनाएं लंबित पड़ी थीं, लेकिन हमने इन्हें शुरू किया,आज आठ वर्ष में 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा किसानों को मिली।’’
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालयो का उन्नयन,एक कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना और 20 नए कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना की गई।
योगी ने कहा कि 2017 से पहले चीनी उद्योग बंदी के कगार पर था, आंदोलन होता था, गन्ना किसानों का हजारों करोड़ रुपये बकाया था, चीनी मिलें बंद होती जा रही थीं, लेकिन हमने तीन नई चीनी मिलों की स्थापना की, छह नई चीनी मिलों का पुनः संचालन सुनिश्चित किया और 38 मिलों का विस्तार किया जिसके चलते वर्तमान में 122 चीनी मिलें क्रियाशील हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘2017 से अब तक दो लाख 80 हजार करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया,पिछली सरकारों के 22 वर्ष के कुल भुगतान से 60 हजार करोड़ से ज्यादा भुगतान हमने आठ वर्ष में किया।’’
योगी ने कहा कि ‘पीएम कुसुम योजना’ के अंतर्गत सोलर पैनल लगाकर लगभग 86 हजार किसानों के जीवन में बदलाव लाया गया,14 लाख निजी नलकूपों को मुफ्त बिजली देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने का कार्य किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2017 से पहले बिचौलियों का बोलबाला था। वर्ष 2017 से 2023 तक हमने ढाई गुना अधिक गेंहू क्रय किया और 43 हजार 424 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। धान के क्रय के बदले 88 हजार करोड़ 746 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से प्रदान किये गए। सरकार ने 32 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को बाढ़ से बचाने का कार्य किया।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निराश्रित गोवंश के लिए 7700 से अधिक गो आश्रय स्थल में 12 लाख 50 हजार से अधिक गोवंश का संरक्षण सरकार स्वयं कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सहभागिता योजना के माध्यम से 1.05 लाख पशुपालकों को 1.63 लाख गोवंश सौंपे गए हैं जिसके लिए सरकार उन्हें 1500 रुपये प्रति गोवंश,प्रति माह की दर से भुगतान कर रही है।