नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शनिवार को ऐसे पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली विकल्पों का आह्वान किया जो सभी उपभोक्ताओं के लिए ‘उपलब्ध, सुलभ और किफायती’ हों और साथ ही बुनियादी अधिकारों और जरूरतों की रक्षा भी करें।
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस वेबिनार में प्रसारित अपने रिकॉर्ड किए गए वीडियो भाषण में जोशी ने कहा कि ‘जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि और प्रदूषण के परस्पर जुड़े संकटों’ से निपटने के लिए टिकाऊ जीवनशैली आवश्यक है।
उन्होंने कहा, “न्यायोचित परिवर्तन यह सुनिश्चित करता है कि पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली में बदलाव लोगों के बुनियादी अधिकारों और जरूरतों को बरकरार रखे। यह ‘सबका साथ सबका विकास’ के लिए एक अवसर प्रस्तुत करता है, जो लोगों और धरती दोनों के लिए लाभकारी समाधान प्रदान करता है।”
मंत्री ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण और स्थिरता को बढ़ावा देना प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है और यह इसके प्रशासन का मूल आधार रहा है।
जोशी ने कहा कि सरकार जिम्मेदार उपभोक्ता नीतियों के माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देने में सबसे आगे रही है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार सतत उत्पादों को अधिक किफायती और सुलभ बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “हम उद्योगों को पर्यावरण के अनुकूल विनिर्माण प्रक्रियाओं और सतत नवाचारों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।”
इस कार्यक्रम का विषय ‘सतत जीवन शैली के लिए एक न्यायोचित परिवर्तन’ था।
जोशी ने कहा कि सरकार ‘उपभोक्ता संरक्षण’ से आगे बढ़कर ‘उपभोक्ता हित’ और ‘उपभोक्ता देखभाल’ को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। जोशी ने आवश्यक वस्तुओं में अस्थिरता को नियंत्रित करने के उद्देश्य से निगरानी तंत्र का उल्लेख किया।