वर्षा और सर्दियों में बच्चों से लेकर बड़े तक पानी पीने से परहेज करने लगते हैं। इस वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कम पानी पीना स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। एक्सपर्ट्स कहते है कि पानी से बॉडी क्लीन और टाक्सिक सब्सटेंस बॉडी से यूरिन और पसीने के रूप में बाहर निकलते हैं। ठंड में सनराइज बहुत हल्की होती है इसलिए अधिक प्यास नहीं लगती लेकिन व्यक्ति को सही मात्रा में पानी पीना चाहिए। 10 कि॰ ग्राम के बच्चे को एक लिटर, 50 किलोग्राम के व्यक्ति को 5 लिटर पानी पीना चाहिए। पानी बाडी को क्लीन करने का काम करता है। ठंड के समय जब व्यक्ति पानी पीना कम कर देता है तो बॉडी में टॉक्सिक सब्सटेंस की मात्रा बढ़ जाने से व्यक्ति बीमारी का शिकार हो जाता है। यूरिन डायल्यूट फार्म में होना चाहिए लेकिन पानी न पीने से यूरिन कन्संेट्रट हो जाता है जो नुक्सानदायक है। टॉक्सिक सब्सटेंस से कभी कभी बॉडी में स्वेलिंग आ जाती है। साथ ही कब्जियत की वजह से पाइल्स और ब्लीडिंग पाइल्स की समस्या हो सकती हैं। यदि ब्लीडिंग अधिक होने लगे तो व्यक्ति एनेमिक भी हो सकता है। इसलिए पानी पीने में कमी नहीं करनी चाहिए। पानी नहीं पीने से समस्याएं . वोमिट सेंसेशन . कब्ज. पाइल्स और ब्लीडिंग पाइल्स . होंठ सूखने लगते हैं। स्किन में झुर्रियां . यूरिन बर्निग . यूरिनरी टैªक इंफेक्शन आदि होने की संभावना होती है।