कोल्लम (केरल), छह मार्च (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलित ब्यूरो समन्वयक प्रकाश करात ने बृहस्पतिवार को केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला करते हुए दोनों नेताओं पर “धुर दक्षिणपंथी” चरित्र प्रदर्शित करने का आरोप लगाया।
यहां आयोजित चार दिवसीय राज्य पार्टी सम्मेलन को पहले दिन संबोधित करते हुए करात ने ट्रंप को एक साम्राज्यवादी करार दिया, जिसका ध्यान दुनिया में अमेरिकी आधिपत्य स्थापित करने और अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता का विस्तार करने पर है। उन्होंने मोदी सरकार को एक “हिंदुत्व कॉर्पोरेट शासन” बताया, जो “नव-फासीवादी” विशेषताओं को प्रदर्शित कर रहा है।
यह 24वीं माकपा कांग्रेस (पार्टी के सबसे प्रमुख सम्मेलन) से पहले देश में पार्टी का अंतिम राज्य सम्मेलन है, जो 2 से 6 अप्रैल तक तमिलनाडु के मदुरै में आयोजित किया जा रहा है।
करात ने आगे कहा कि अमेरिका के साथ घनिष्ठ संबंध के कारण भारत उत्पीड़कों के साथ खड़ा है क्योंकि उसने इजराइल को हथियार निर्यात किए थे और फलस्तीन के साथ युद्ध के दौरान उसका समर्थन भी किया था।
करात ने दावा किया कि भारत ने अमेरिका के साथ मिलकर चतुर्भुज गठबंधन या ‘क्वाड’ का गठन भी किया है, जिसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं, जिसका एकमात्र उद्देश्य “चीन के खिलाफ सुरक्षा गठबंधन” के रूप में कार्य करना है।
उन्होंने चेतावनी दी कि जैसे-जैसे ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका अपने “अधिकाधिक आक्रामक रास्ते” पर आगे बढ़ेगा, भारत, जो उसका सहयोगी है, विकासशील देशों से कट जाएगा और अलग-थलग पड़ जाएगा।
उन्होंने कहा, “इसलिए, यह सरकार जो रास्ता अपना रही है और इसकी बाहरी नीतियां इसके चरित्र का प्रतिबिंब हैं, जिसे हमने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में हिंदुत्व कॉर्पोरेट शासन कहा है जो नव-फासीवादी विशेषताओं को प्रदर्शित कर रहा है।”
करात ने केरल में विपक्षी कांग्रेस पर भी निशाना साधा, क्योंकि उसने माकपा द्वारा भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए नव-फासीवादी शब्द का इस्तेमाल करने की आलोचना की थी।
माकपा के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नव-फासीवादी प्रवृत्तियों के खिलाफ लड़ने के वामपंथी दल के प्रयासों को “विकृत” कर रही है और उन्होंने उस पर “सस्ती राजनीति” करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “हमें भाजपा और संघ से लड़ने के तरीके पर कांग्रेस नेतृत्व से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।”