दूसरों के सामने न करें पति की अवहेलना

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प्रायः हम देखते हैं कि महिलाएं घर के कामकाज से निपटने के बाद पास-पड़ोस का दरवाजा खटखटाती हैं और फिर घंटों गप्पें लड़ाती रहती हैं। इस दौरान वे अपने को सभी कामों से मुक्त महसूस करती हैं, चाहे घर के काम क्यों न बाकी ही हों।
ऐसा देखा जाता है कि महिलाएं गप्पें लड़ाते समय यह भूल जाती हैं कि वो उन्हें कितना पहचानती हैं। किसी नयी पड़ोसन से भी दो-चार मुलाकात होने के बाद आपस में इतनी घुलमिल जाती हैं कि इन मुलाकातों और बातों की कोई सीमा नहीं रहती। अपने-अपने घरों के भेद एक दूसरे को बता देती हैं। वे यह नहीं सोचती कि पति-पत्नी के बीच बहुत कुछ अच्छा बुरा होता है। लड़ना-झगड़ना, बहस, नाराजगी और रूठना मनाना, कहीं पति अपनी पत्नी को मनाता है तो कहीं पत्नी अपने पति का मनुहार करती है।
कभी पत्नी बड़े घर की होती है, तो कभी पति, इसका मतलब यह नहीं कि पत्नी बाहर वालों के बीच बैठ कर पति की अवहलेना करने लगे।
पति की कुछ खाने पीने की बुरी आदतों को भी अपने आस पास मित्रों में अधिक चर्चा न करें। घर के बाहर किसी के साथ कितना भी मधुर संबंध क्यों न हो, अपने पति से प्यारा और गहरा रिश्ता नहीं हो सकता। इसलिए भारतीय नारी का एकमात्रा कर्तव्य बनता है कि वह कभी भी दूसरों के सामने अपने पति का अपमान न करें ताकि पति-पत्नी के रिश्ते का तमाशा बनाने का मौका दूसरों को न मिले। 

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