
गुवाहाटी, 31 मार्च (भाषा) चेन्नई सुपरकिंग्स के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने खुलासा किया कि महेंद्र सिंह धोनी पूरी ताकत से 10 ओवर तक बल्लेबाजी नहीं कर सकते क्योंकि उनके घुटने में समस्या है और यह पूर्व कप्तान मैच की स्थिति के आधार पर अपना बल्लेबाजी क्रम तय करता है।
पिछले सप्ताह चेपक में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के खिलाफ सुपरकिंग्स की 50 रन की हार के दौरान नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए 43 वर्षीय धोनी को आलोचना का सामना करना पड़ा था।
रविवार को धोनी ने सातवें नंबर पर बल्लेबाजी की जब सुपरकिंग्स को 25 गेंद पर 54 रन की जरूरत थी लेकिन वह 11 गेंद पर सिर्फ 16 रन ही बना सके और टीम को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ छह रन से हार का सामना करना पड़ा।
फ्लेमिंग ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘यह समय की बात है। धोनी इसका आकलन करते हैं। उनका शरीर, उनके घुटने पहले जैसे नहीं हैं। वह ठीक से मूव कर रहे हैं लेकिन इसमें पोषण संबंधी पहलू भी है। वह पूरी ताकत के साथ 10 ओवर तक बल्लेबाजी नहीं कर सकते। इसलिए वह उस दिन आकलन करते हैं कि वह हमें क्या दे सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैच आज की तरह संतुलन में है तो वह थोड़ा पहले जाएंगे और जब अवसर आएंगे तो वह अन्य खिलाड़ियों का समर्थन करेंगे इसलिए वह संतुलन बना रहे हैं। मैंने पिछले साल कहा था कि वह हमारे लिए बहुत मूल्यवान हैं, (उनकी) नेतृत्वक्षमता और विकेटकीपिंग के साथ, उन्हें नौवें-10वें ओवर में उतारना उचित नहीं है।’’
फ्लेमिंग ने कहा, ‘‘देखिए वह 13वें, 14वें ओवर के बाद से रन बनाने की कोशिश कर रहा है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन खेल रहा है।’’
रॉयल्स ने पावरप्ले में एक विकेट पर 79 रन बनाए जबकि सुपरकिंग्स की टीम एक विकेट पर 42 रन ही बना सकी और फ्लेमिंग ने माना कि उन्होंने पावरप्ले में मैच गंवा दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप खेल का विश्लेषण करें तो शायद यह दो पावरप्ले की वजह से हुआ। गेंद के साथ हमारे पावरप्ले में 80 रन बन गए और हम केवल 40 रन के आसपास ही बना पाए। तो स्कोरबोर्ड पर यही बड़ा अंतर है और हम राजस्थान की तुलना में क्षेत्ररक्षण में भी ढीले थे। तो ये दो तात्कालिक निष्कर्ष होंगे।’’
तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए नितीश राणा की 36 गेंद में 81 रन की आक्रामक पारी की बदौलत रॉयल्स ने नौ विकेट पर 182 रन बनाए और फिर सुपरकिंग्स को छह विकेट पर 176 रन पर रोककर सत्र की पहली जीत दर्ज की।
राणा ने कहा, ‘‘मुझे कल (शनिवार) पता चला जब राहुल सर (मुख्य कोच राहुल द्रविड़) ने अभ्यास पर जाने से पहले मुझे बुलाया। रियान ने भी कहा कि मैं तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर सकता हूं। मुझे लगता है कि यह फैसला बहुत अच्छा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती दो मैच में मैं कड़ा प्रहार करने की कोशिश कर रहा था। इसलिए पिछले दो मैच से मेरी सीख यह थी कि अगर मैं इस विकेट पर गति का इस्तेमाल करने की कोशिश करता हूं तो रन बनाने में मेरी सफलता दर बढ़ सकती है। और आज, मैंने वही किया।’’
यह कप्तान के रूप में रियान पराग की पहली जीत थी और नीतीश ने जीत का श्रेय उनके शांत व्यवहार और ड्रेसिंग रूम के माहौल को दिया।