कांग्रेस ने असम में शांति स्थापित नहीं होने दी जबकि मोदी ने इसे बहाल किया: शाह
Focus News 15 March 2025 0
देरगांव (असम), 15 मार्च (भाषा)केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को दावा किया कि कांग्रेस ने असम में शांति स्थापित नहीं होने दी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे बहाल किया, बुनियादी ढांचे का विकास किया और पूर्वोत्तर राज्य के युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित किया।
शाह गोलाघाट जिले के देरगांव में पुनर्निर्मित लचित बरफुकन पुलिस अकादमी के पहले चरण का उद्घाटन करने के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दूसरे चरण की आधारशिला भी रखी।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्ष में असम में 10,000 से अधिक युवा हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं और राज्य में शांति लौट आई है। असम, जो आंदोलन, हिंसा और उग्रवाद के लिए जाना जाता था, अब यहां सबसे आधुनिक सेमीकंडक्टर उद्योग है। यहां सेमीकंडक्टर इकाई के लिए 27,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, जो असम का भविष्य बदलने जा रहा है।’’
शाह ने यह भी कहा कि हाल ही में संपन्न ‘एडवांटेज असम 2.0’ व्यापार शिखर सम्मेलन में पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, केंद्र सरकार द्वारा राज्य में तीन लाख करोड़ रुपये की अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘आठ करोड़ लाख रुपये की लागत वाली इन परियोजनाओं से ऐसा माहौल बनेगा कि देशभर से युवा नौकरी के लिए यहां आएंगे।’’
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत 2020 में बोडो शांति समझौता, 2021 में कार्बी समझौता, 2022 में आदिवासी शांति समझौता और 2023 में उल्फा के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
शाह ने कहा कि मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के साथ सीमा विवाद निपटाने के लिए समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।
शाह ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यहां शांति और बुनियादी ढांचे का विकास नहीं किया गया था और असम को कोई अनुदान नहीं दिया गया, जिससे आंदोलन और हिंसा हुई।
उन्होंने अपने छात्र जीवन के दौरान असम की यात्रा को याद करते हुए कहा, ‘‘मैंने लाठीचार्ज का सामना किया था। यह हितेश्वर सैकिया (कांग्रेस) की सरकार के दौरान हुआ था। मैंने असम में सात दिन जेल में बिताए थे।’’
शाह ने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों में भाजपा नीत सरकारों के तहत राज्य की स्थिति में आमूल-चूल बदलाव आया है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने लोगों से शांति का वादा किया था और हमने इसे पूरा किया है।’’
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में दोषसिद्धि दर में 5 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है जो बेहतर स्थिति का संकेत है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा जल्द ही राष्ट्रीय औसत को पार कर जाएगा।
शाह ने कहा, ‘‘असम में पुलिस व्यवस्था पहले उग्रवादियों से लड़ने के लिए थी, लेकिन अब यह जनता केंद्रित है।’’
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि हाल के दिनों में गोवा और मणिपुर के 2,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को असम में प्रशिक्षित किया जाना इस पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाली को साबित करता है।
उन्होंने कहा कि लचित बरफुकन पुलिस अकादमी अगले पांच वर्षों में देश का शीर्ष पुलिस प्रशिक्षण केंद्र होगा।
शाह ने कहा, ‘‘जिस तरह से इस अकादमी की परिकल्पना की गई है, मुझे पूरा विश्वास है कि अगले पांच वर्ष में यह देश की शीर्ष सुविधा होगी।’’
केंद्रीय गृहमंत्री ने 1671 में सरायघाट की लड़ाई में मुगलों को धूल चटाने वाले अहोम सेनापति के नाम पर अकादमी का नाम रखे जाने की सराहना करते हुए कहा कि बरफुकन की वीरता केवल असम तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि राज्य सरकार इसे देश के कोने-कोने तक ले जा रही है।
शाह ने कहा कि अहोम योद्धा की जीवनी का 23 भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है और इसे विभिन्न स्थानों के पुस्तकालयों में उपलब्ध कराया गया है, जबकि आठ राज्यों की इतिहास की पुस्तकों में उनके जीवन और वीरता पर अध्याय होंगे।