संयुक्त राष्ट्र, आठ मार्च (भाषा) ग्रैमी पुरस्कार विजेता भारतीय मूल की संगीतकार चंद्रिका टंडन ने प्रतिष्ठित समाज सुधारक डॉ. हंसा मेहता के जीवन से मिलने वाली ‘शक्ति और उद्देश्य’ की सीख को रेखांकित किया।
संयुक्त राष्ट्र में महिला दिवस पर भारत के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित डॉ. हंसा मेहता स्मृति व्याख्यान में टंडन ने कहा, “शक्ति और अपने उद्देश्य को पहचानना सबसे बड़ी सीख है जो मैं डॉ. हंसा मेहता से सिखती हूं।”
हंसा मेहता ने महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (1947-1948) में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
ग्रैमी पुरस्कार विजेता टंडन ने अपने जीवन की चुनौतियों को साझा किया और बताया कि कैसे उन्होंने मैकिन्से एंड कंपनी में करियर शुरू कर वॉल स्ट्रीट तक का सफर तय किया।
इस वर्ष यह व्याख्यान श्रृंखला का तीसरा संस्करण था। संयुक्त राष्ट्र के कई राजदूतों और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख सदस्यों ने इसमें भाग लिया।