तेलंगाना में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने विधान परिषद के चुनाव में तीन में से दो सीट पर जीत दर्ज की

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हैदराबाद,  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित उम्मीदवारों ने 27 फरवरी को हुए विधान परिषद (एमएलसी) के चुनाव में तीन में से दो सीट पर जीत दर्ज की है।

राज्य विधान परिषद के मेडक-निजामाबाद-आदिलाबाद-करीमनगर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा समर्थित चौधरी अंजी रेड्डी ने कांग्रेस के नरेंद्र रेड्डी को 5,000 से अधिक मतों से हराया। इस सीट का परिणाम बृहस्पतिवार को तड़के घोषित किया गया।

मेडक-निजामाबाद-आदिलाबाद-करीमनगर स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों तथा वारंगल-खम्मम-नलगोंडा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए वरीयता मतदान प्रणाली के तहत चुनाव हुए। चुनाव मतपत्रों के जरिए हुए। मतों की गिनती पिछले सोमवार को शुरू हुई।

भाजपा समर्थित मलका कोमारैया ने मेडक-निजामाबाद-आदिलाबाद-करीमनगर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की तथा निर्दलीय उम्मीदवार श्रीपाल रेड्डी पिंगिली (शिक्षक संघ द्वारा समर्थित) वारंगल-खम्मम-नलगोंडा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विजयी रहे। दोनों शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के परिणाम सोमवार देर रात घोषित किए गए।

मतगणना एक समय लेने वाली प्रक्रिया है, क्योंकि इसमें वैध और अवैध मतों को अलग करना और उसके बाद वरीयता की गणना करना शामिल था।

तीन एमएलसी सीट में से दो पर जीत राज्य में भाजपा के लिए एक नैतिक बढ़त के रूप में सामने आई है। पार्टी ने तीनों सीट के लिए उम्मीदवार उतारे थे, जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने केवल स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव लड़ा। बीआरएस चुनाव से दूर रही।

केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी, बंदी संजय कुमार और अन्य भाजपा नेताओं ने चुनाव में जोर शोर से प्रचार किया।

मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष बी. महेश कुमार गौड़ और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अपने पार्टी उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार किया।

भाजपा समर्थित उम्मीदवारों की जीत की सराहना करते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री और भाजपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी ने कहा कि यह जीत युवाओं और शिक्षकों की जीत है, जिन्होंने कांग्रेस को उसके विफल शासन और उनकी चिंताओं को दूर करने में नाकाम रहने के कारण निर्णायक रूप से खारिज कर दिया है।

किशन रेड्डी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘कांग्रेस ने अपने सभी मंत्रियों, विधायकों, सांसदों को मैदान में उतारा और बहुत खर्च किया, इसके बावजूद वे करीमनगर स्नातक सीट को बरकरार नहीं रख सके। यह परिणाम कांग्रेस को एक कड़ा संदेश देता है, जो लोगों से झूठे वादे करके सत्ता में आई थी।’’

राज्य के 13 जिलों, 43 विधानसभा सीटों और छह संसदीय क्षेत्रों तथा 270 मंडलों में हुए चुनावों के साथ यह जीत महत्वपूर्ण है और तेलंगाना में भाजपा की बढ़ती ताकत को दर्शाती है।

उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य में एक शक्तिशाली ताकत के रूप में उभर रही है। उन्होंने तेलंगाना के लोगों, खासकर शिक्षकों और युवाओं को ‘‘भाजपा की विकासात्मक राजनीति’’ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अपना विश्वास जताने के लिए धन्यवाद दिया।

करीमनगर से लोकसभा सदस्य एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने बुधवार देर रात कहा कि ईवीएम पर संदेह जताने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अब जवाब देना चाहिए क्योंकि तीन एमएलसी सीट के लिए हुए चुनाव में मतपत्र का इस्तेमाल किया गया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव का नतीजा कांग्रेस के लिए सबक है जो एक खास वर्ग का समर्थन कर रही है।

उनके कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में संजय कुमार के हवाले से कहा गया, ‘‘यह हिंदू समाज द्वारा कांग्रेस को दिया गया रमजान का तोहफा है।’’

 

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