नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा कि वह नियमों और सदन की मर्यादा के अनुरूप आचरण करें, जिसको लेकर कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है और उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा।
बिरला ने शून्यकाल के बाद कहा कि कई पिता-पुत्री, माता-बेटी और पति-पत्नी इस सदन के सदस्य रहे हैं और इसी परिप्रेक्ष्य में नेता प्रतिपक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वह सदन के नियमों और परंपराओं के अनुरूप आचरण करेंगे।
इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस के करीब 70 सांसदों ने बिरला से मुलाकात की और नेता प्रतिपक्ष को ‘‘बोलने का मौका नहीं देने’’ को लेकर विरोध दर्ज कराया।
बिरला ने सदन में कहा, ‘‘सदन के सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे सदन की मर्यादा और शालीनता के उच्च मापदंडों को बनाए रखें। मेरे संज्ञान में कई ऐसी घटनाएं आई हैं कि सदस्यों के आचरण सदन की उच्च परंपराओं और मापदंडों के अनुरूप नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस सदन में पिता-पुत्री, मां-बेटी और पति-पत्नी सदस्य रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में नेता प्रतिपक्ष से अपेक्षा है कि वह नियम 349 के तहत पालनीय नियमों के अनुसार सदन में आचरण- व्यवहार करें।’’
बिरला का कहना था कि विशेष रूप से सदन में नेता प्रतिपक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वह (उपयुक्त) आचरण करें।
राहुल गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष ने मेरे बारे में कुछ बोला। जब मैं खड़ा हुआ तो वह उठकर चले गए और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘जब भी मैं सदन में बोलने के लिए खड़ा होता हूं तो बोलने नहीं दिया जाता, जबकि यह परंपरा रही है कि नेता प्रतिपक्ष खड़ा हो तो उसे बोलने दिया जाए। पता नहीं किस प्रकार से सदन से चल रहा है।’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैंने कुछ नहीं किया है। मैं शांति से बैठा था। पिछले सात-आठ दिन में मैंने कुछ नहीं बोला। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों की जगह होती है, लेकिन यहां लोकतंत्र की जगह नहीं है। पता नहीं कि लोकसभा अध्यक्ष की क्या सोच है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है।
सदन में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया जाता है।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा के कोई सांसद या मंत्री सिर्फ खड़े हो जाते हैं तो उन्हें बोलने की खूली छूट मिल जाती है।
गोगोई का कहना था, ‘‘जब सुषमा स्वराज जी नेता प्रतिपक्ष थीं तो लोकसभा में उन्हें क्या सम्मान मिलता था, हम सबने देखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम लोकसभा अध्यक्ष से मिले और अपनी आपत्ति दर्ज कराई और नेता प्रतिपक्ष की गरिमा की जो अवहेलना हो रही है, उसके बारे में बताया है।’’
उनका कहना था कि लोकसभा अध्यक्ष से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है।
गोगोई ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सदन चले, लेकिन यह एक साजिश है ताकि सदन में माहौल खराब हो।’’