लालू के राज में ‘डूबता राज्य’ बन गया था बिहार : नड्डा

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नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को आरोप लगाया कि शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में तरक्की कर रहा बिहार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के शासन में “डूबता बिहार” और “जंगल राज” में तब्दील हो गया था।

भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्वांचल मोर्चा की ओर से आयोजित बिहार दिवस कार्यक्रम में नड्डा ने अपने संबोधन में दावा किया कि नीतीश कुमार के शासन में बिहार अंधकार से बाहर आया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य फिर प्रगति का गवाह बना।

बिहार की तारीफ करते हुए नड्डा ने कहा कि इस राज्य की एक विशेष आभा एवं गतिशीलता है, इसने दुनिया को लोकतंत्र दिया और यहां स्थित नालंदा तथा विक्रमशिला शिक्षा के महान केंद्र हैं।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आधुनिक काल में भी बड़ी संख्या में बिहार के छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज में पढ़ते हैं और राज्य के कई प्रोफेसर अपनी शैक्षणिक दक्षता के लिए दुनियाभर में जाने-पहचाने जाते हैं।

उन्होंने 1990 के दशक में लालू के नेतृत्व वाले राजद शासन का जिक्र करते हुए कहा, “1970 के दशक के आसपास बिहार एक प्रगतिशील राज्य था। लालू राज में यह ‘डूबता बिहार’ बन गया। उस समय पटना में शाम को बाहर निकलना मुश्किल था।”

नड्डा ने कहा कि चिकित्सकों को राज्य से भागने के लिए मजबूर किया गया और शादियों के लिए शोरूम से नयी गाड़ियां जबरन निकालवाई जाती थीं।

भाजपा अध्यक्ष ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि बिहार में कोई “जंगल राज” नहीं था, क्योंकि वे “उस दौर में पैदा ही नहीं हुए थे।”

नड्डा ने दिल्ली भाजपा और उसके पूर्वांचल मोर्चा के कार्यकर्ताओं की तारीफ की, जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी को ऐसे समय में सत्ता में वापस लाने में अहम योगदान दिया, जब वह “विनाश” की ओर बढ़ रही थी।

उन्होंने इन कार्यकर्ताओं से बिहार में भी विधानसभा चुनाव प्रचार में शामिल होने के लिए कहा।

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के शासन में बिहार में हुई प्रगति का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि 2005 में बिहार में सिर्फ 384 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें थीं, जो अब बढ़कर 1.12 लाख किलोमीटर से अधिक हो गई हैं।

उन्होंने राज्य में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) और भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) की स्थापना का हवाला दिया और घोषणा की कि पटना मेडिकल कॉलेज एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल बनने जा रहा है।

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